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Jammu And Kashmir: डीएसपी देविंदर सिंह के मामले की जांच एनआइए को सौंपी

DSP Devinder Singh Case. एनआइए निलंबित डीएसपी और उसके साथ पकड़े गए हिजबुल व लश्कर के तीनों आतंकियों को अपनी हिरासत में ले लेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 08:24 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 08:24 PM (IST)
Jammu And Kashmir: डीएसपी देविंदर सिंह के मामले की जांच एनआइए को सौंपी
Jammu And Kashmir: डीएसपी देविंदर सिंह के मामले की जांच एनआइए को सौंपी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। DSP Devinder Singh Case. आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह के मामले की जांच मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंप दी गई। एक-दो दिन में एनआइए निलंबित डीएसपी और उसके साथ पकड़े गए हिजबुल व लश्कर के तीनों आतंकियों को अपनी हिरासत में ले लेगी। इस बीच, दूसरे दिन भी एनआइए और इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) के अधिकारियों ने देविंदर सिंह और हिजबुल कमांडर नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू से पूछताछ जारी रखी।

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संबंधित अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा एनआइए को सौंपने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। हालांकि कश्मीर में पहले से ही मौजूद एनआइए के अधिकारी आरोपित देविंदर और आतंकियों से पूछताछ कर रहे हैं। इन लोगों ने आरोपित डीएसपी को पकड़ने के अभियान में शामिल पुलिस अधिकारियों से भी बातचीत की है। इंटेलीजेंस ब्यूरो के तीन सदस्यीय दल ने भी इनसे पूछताछ की है। उन्होंने बताया कि एनआइए को इस मामले की जांच से जुड़ी कुछ कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करना है, उसके बाद ही देविंदर सिंह व उसके साथ पकड़े गए आतंकियों को उसके हवाले किया जाएगा।

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि एनआइए ही पुलवामा में बीते चार वर्षो के दौरान हुए विभिन्न आतंकी हमलों की जांच कर रही है। इनमें जनवरी 2017 में जिला पुलवामा पुलिस लाइन पर हुआ आतंकी हमला भी शामिल है। डीएसपी देविंदर ¨सह इस हमले के समय पुलवामा में ही तैनात था। इसलिए यह मामला भी एनआइए को सौंपा गया है।

यह था मामला 

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गत शनिवार को दक्षिण कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुलगाम में मीर बाजार में डीएसपी देविंदर ¨सह को एक कार में दो आतंकियों और एक ओवरग्राउंड वर्कर संग पकड़ा था। आरोप है कि डीएसपी इन सभी को सुरक्षाबलों से बचाकर चंड़ीगढ़ पहुंचाने का प्रयास कर रहा था। शुरुआती जांच में पता चला है कि वह पहले भी इस तरह आतंकियों की मदद कर चुका है और बदले में मोटी रकम लेता था।

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