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रंगों से नहीं खून से लिख दिया आइ लव माइ इंडिया

नवीन नवाज, श्रीनगर कश्मीर में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने वालों को एक सामान्य सी चित्रकला प्रतिय

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 10:38 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 01:53 AM (IST)
रंगों से नहीं खून से लिख दिया आइ लव माइ इंडिया
रंगों से नहीं खून से लिख दिया आइ लव माइ इंडिया

नवीन नवाज, श्रीनगर

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कश्मीर में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने वालों को एक सामान्य सी चित्रकला प्रतियोगिता ने आइना दिखाया। छात्रा रौनक मुश्ताक के लिए राष्ट्रभक्ति से ज्यादा कुछ भी प्यारा नहीं है तभी तो उसने चित्रकला प्रतियोगिता में रंगों से नहीं अपने खून से आइ लव मॉय इंडिया लिख डाला। बांडीपोर के पनार में हाल ही में सेना की 20 ग्रेनेडियर्स की ओर से प्रतियोगिता आयोजित की थी। प्रतियोगिता संपन्न होने के बाद जब निरीक्षक जांच करने लगे तो उनकी नजर एक चित्र पर टिक गई। सभी हैरान परेशान थे क्योंकि बांडीपोर जहां किसी ने आतंकियों के खिलाफ आवाज उठाई हो और वह ज्यादा दिन ¨जदा रहे, वहां की एक छात्रा भारत के लिए प्रेम का इजहार करे और वह भी अपने खून से। यह सच था। पनार गांव की निवासी नौवीं की छात्रा रौनक से सैन्याधिकारियों ने पूछा कि यह खून किसका है तो उसने अपनी उंगलियां दिखाते हुए कहा कि यह मेरा ही है। मुझे समझ नहीं आया कि मैं अपने वतन के लिए अपनी मोहब्बत को किस रंग में भरूं, इसलिए मैंने अपने खून से ही लिख दिया। मेरे लिए मेरा वतन ही सबसे प्यारा है, यही मेरे दिल में बसता है। आइ लव माय इंडिया।

संबंधित सैन्य यूनिट के कमांडेंट ने कहा कि हमें समझ में नहीं आ रहा था कि हम इस बच्ची और उसमें भरे राष्ट्रभक्ति के जज्बे को कैसे सम्मानित करें। स्वतंत्रता दिवस के सिलिसले में हुए समारोह में उसने ही परेड की सलामी ली है। रौनक ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराना और परेड की सलामी लेने से सम्मान और क्या हो सकता है। यह पूछे जाने पर कि यहां तो लोग पाकिस्तान ¨जदाबाद के नारे लगाते हैं, उसे डर नहीं लगा तो उसने कहा कि मेरे दिल में मेरा इंडिया है, डर नहीं। पनार गांव के एक युवक इश्तियाक अहमद ने रौनक मुश्ताक का जिक्र करते हुए कहा कि रौनक कश्मीर की वह हकीकत है, जो कहीं मीडिया में आसानी से नजर नहीं आती। यहां लोगों को सिर्फ बंदूक उठाने वाले इक्का-द़ुक्का लड़कों के बारे में पता है या फिर मजहब के नाम पर गुमराह होकर या पाकिस्तान से मिलने वाले पैसे पर आजादी का नारा लगाने वालों को ही कश्मीर का सच मानते हैं, लेकिन वह तो झूठ है। जिस दिन पाकिस्तान की फं¨डग बंद होगी, आजादी के नारे बंद हो जाएंगे।


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