हिजबुल ने नाइकू के साथी को सौंपा था भाजपा नेता ही हत्या का जिम्मा
डीजीपी ने बताया कि शब्बीर अहमद इसी साल मई में मारे गए हिजबुल के नामी कमांडर रियाज नाइकू का सबसे विश्वस्त ओवरग्राउंड वर्कर था।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : हिजबुल मुजाहिदीन ने गांदरबल में भाजपा के जिला उपप्रधान गुलाम कादिर की हत्या का जिम्मा मारे जा चुके आतंकी कमांडर रियाज नाइकू के सबसे विश्वस्त रहे ओवरग्राउंड वर्कर शब्बीर अहमद को सौंपा था। भाजपा नेता के अंगरक्षक कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन ने न सिर्फ इस नापाक मंसूबे को नाकाम बनाया बल्कि शब्बीर को भी मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान अल्ताफ भी आतंकी की गोली लगने से शहीद हो गया। यह जानकारी बुधवार को जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शहीद अल्ताफ हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में दी।
डीजीपी ने बताया कि शब्बीर अहमद इसी साल मई में मारे गए हिजबुल के नामी कमांडर रियाज नाइकू का सबसे विश्वस्त ओवरग्राउंड वर्कर था। नाइकू अपने ही गांव बेगीपोरा, अवंतीपोरा में एक मुठभेड़ में मारा गया था। शब्बीर जंगलनाड़, अवंतीपोरा (पुलवामा) का रहने वाला था। वह इसी साल अगस्त महीने में आतंकी संगठन में सक्रिय हुआ था। उसे हिजबुल ने ही भाजपा नेता की हत्या का जिम्मा सौंपा था। उसके साथ एक आतंकी और था, वह भी अल्ताफ हुसैन की जवाबी फायरिग में जख्मी हुआ है। घटनास्थल पर मिले खून के धब्बों के आधार पर उसकी तलाश की जा रही है।
टीआरएफ लश्कर, हिजबुल और जैश का ही मुखौटा :
मारे गए आतंकी शब्बीर के आतंकी संगठन टीआरएफ (द रसिस्टेंस फ्रंट) के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टीआरएफ सिर्फ आतंकी संगठनों का एक मुखौटा है। पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन टीआरएफ के नाम पर कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को सियासी नेताओं, कार्यकर्ताओं व आम लोगों की हत्या का जिम्मा सौंपते हैं। इससे आम लोगों को लगता है कि कोई नया आतंकी संगठन है। टीआरएफ एक तरह से लश्कर, हिजबुल और जैश का मुखौटा ही है। आतंकी हमले में शहीद अल्ताफ को नम आंखों से अंतिम विदाई
संवाद सहयोगी, श्रीनगर: मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के नूनार इलाके में मंगलवार देर शाम आतंकी हमले में शहीद पुलिसकर्मी अल्ताफ हुसैन को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। उनके पार्थिव शरीर को बुधवार सुबह श्रीनगर में उनके पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इससे पहले तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को जिला पुलिस लाइन श्रीनगर लाया गया। यहां पर उन्हें पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह समेत कई पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को श्रीनगर के गंदरपोरा ईदगाह में स्थित पैतृक इलाके में लाया गया। यहां परिवार और उनके रिश्तेदारों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद सुपुर्द-ए-खाक किया गया। अल्ताफ ने वर्ष 2011 में पुलिस विभाग में नौकरी की शुरुआत की थी। वर्तमान में वह गांदरबल जिले के नूनार इलाके में भाजपा नेता के अंगरक्षक थे। उपराज्यपाल ने श्रद्धांजलि दी
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकी हमले में शहीद पुलिसकर्मी मोहम्मद अल्ताफ हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ता पर हमले के दौरान जख्मी होने के बावजूद अल्ताफ ने अपनी जान की परवाह किए बिना बहादुरी से एक आतंकी को मार गिराया, वह आतंकवाद के खिलाफ हमारे पुलिस जवानों की संकल्पबद्धता का प्रतीक है। शहीद पुलिसकर्मी की बहादुरी, निष्ठा और राष्ट्रभक्ति अनुकरणीय है। उन्होंने आतंकी हमले की निंदा की है।