मोस्ट वाटेड ठोकर सहित तीन आतंकी ढेर, ¨हसा में सात प्रदर्शनकारी भी मारे गए
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राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : फौजी से हिजबुल मुजाहिदीन का मोस्ट वाटेड आतंकी बना जहूर अहमद ठोकर शनिवार को खारपोरा (पुलवामा) में सुरक्षाबलों के साथ एक भीषण मुठभेड़ में अपने दो साथियों संग मारा गया। मुठभेड़ में एक सैन्यकर्मी शहीद व एक अन्य जख्मी हो गया। इस बीच, आतंकियों की मौत के बाद पुलवामा से लेकर श्रीनगर तक भड़की हिंसा के दौरान क्रास फाय¨रग में सात प्रदर्शनकारी भी मारे गए और 25 से ज्यादा घायल हैं। स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने पुलवामा और श्रीनगर समेत वादी के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने के साथ ही बनिहाल-श्रीनगर रेल सेवा को भी अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। पुलवामा में अगले आदेश तक निषेधाज्ञा भी लागू कर दी गई है। शहीद सेना के जवान की पहचान किशन निवासी विंचरी शेखावती, राजस्थान के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार, पुलवामा जिले के खारपोरा सिरनू में कुख्यात आतंकियों में शुमार जहूर ठोकर व उसके साथियों के छिपे होने की सूचना मिलते ही शनिवार तड़के सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त कार्यदल ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली। सुबह नमाज की पहली अजान के बाद सुरक्षाबलों ने गाव में तलाशी शुरू की। जैसे ही सुरक्षाबल गाव के बाहरी छोर पर एक पोल्ट्री फार्म के पास पहुंचे तो वहा छिपे आतंकियों ने उनपर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी अपनी पोजीशन ली और जवाबी फायर किया। इसके साथ ही उन्होंने आतंकियों को आत्मसमर्पण के लिए भी कहा, लेकिन आतंकियों ने फायरिंग जारी रखी। करीब तीन घटे तक दोनों तरफ से गोलिया चलीं। इस दौरान तीनों आतंकी मारे गए और दो सैन्यकर्मी सिपाही किशन और तौसीफ जख्मी हो गए। दोनों जवानों को उपचार के लिए श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल ले जाया गया, जहा किशन ने दम तोड़ दिया।
ये हैं मारे गए आतंकी :
मुठभेड़स्थल से तीनों आतंकियों के शव भी बरामद कर लिए गए। इनमें से एक आतंकी की पहचान जुलाई 2017 को गंठमुला (बारामुला) से सरकारी राइफल संग फरार हुए 163 टीए बटालियन के भगौड़े जवान जहूर अहमद ठोकर के रूप में हुई। मारे गए अन्य आतंकियों में अदनान हमीद बट और बिलाल अहमद मागरे शामिल हैं। सभी पुलवामा के रहने वाले हैं। कश्मीर में जगह-जगह ¨हसक झड़पें :
इससे पूर्व मुठभेड़ शुरू होते ही बड़ी संख्या में आतंकी समर्थक तत्व जिहादी नारे लगाते हुए मुठभेड़स्थल पर जमा होकर सुरक्षाबलों पर पथराव करने लगे। हिंसक तत्वों ने आतंकियों को बचाने के लिए घेराबंदी में सेंध लगाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाबलों ने उनके हर प्रयास को नाकाम बनाया। इससे हताश होकर कुछ युवकों ने सुरक्षाबलों से उनके हथियार भी छीनने का प्रयास किया। इस पर सुरक्षाबलों को भी बल प्रयोग करना पड़ा और उसके बाद वहा हिंसक झड़पें शुरू हो गईं। कुछ ही देर में पुलवामा व उसके साथ सटे अन्य इलाकों में भी ¨हसा फैल गई। श्रीनगर समेत विभिन्न इलाकों में हड़ताल भी हो गई और कई इलाकों में सामान्य जनजीवन पटरी से उतर गया। श्रीनगर, अनंतनाग, कुलगाम में भी कई जगह आतंकी समर्थक नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए। उन्हें खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों को लाठियों, आसूगैस और पैलेट गन का भी सहारा लेना पड़ा। पुलवामा में सुरक्षाबलों को हिंसक तत्वों पर काबू पाने के लिए गोली भी चलानी पड़ी। हिंसक झड़पों में सात प्रदर्शनकारियों की मौत के अलावा करीब 25 लोग घायल हैं। मरने वालों को जिला पुलवामा में मुठभेड़स्थल केआसपास ही हिंसक झड़पों और मुठभेड़ के दौरान क्रास फायरिंग में गोली लगी है। मरने वालों की पहचान तौसीफ अहमद, लियाकत डार, सोहेल अहमद, शाहबाज, आमिर पाल उर्फ जहागीर, मुर्तजा बशीर व आदिल हुसैन लोन के रूप में हुई है।