बुरहान की बरसी पर एक और पुलवामा हमले की फिराक में आतंकी, सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया Srinagar News
एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि आतंकी अपने इस मंसूबे को पूरा करने के लिए आइईडी और स्नाइपर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जम्मू, जेएनएन। कश्मीर घाटी में पोस्टर ब्वाय से मशहूर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की बरसी पर आतंकवादी एक ओर पुलवामा हमले की योजना बना रहे हैं। बुरहान की बरसी 8 जुलाई को है और इस बीच आतंकी राज्य में कभी भी बड़ी वारदात को अंदाज दे सकते हैं। इन दिनों श्री बाबा अमरनाथ की यात्रा भी चल रही है, ऐसे हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों को अलर्ट जारी किया है। एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि आतंकी अपने इस मंसूबे को पूरा करने के लिए आइईडी और स्नाइपर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जिला पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले को उड़ाने के लिए आतंकियों ने कार का इस्तेमाल किया था जिसमें करीब 100 किलोग्राम आइईडी थी। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। आतंकी संगठन इसी तरह के हमले की तैयारी कर रहे हैं। इस योजना को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों ने विदेश दल भी तैयार कर लिया है जिसमें छह से आठ आतंकी शामिल हैं। ये आतंकी पुलवामा या फिर उसके आसपास के इलाके में अपनी पहचान बदल छिपे हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद सभी सुरक्षाबलों ने हाइवे पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि श्री बाबा अमरनाथ की यात्रा का जत्था जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर ही गुजरता है। हालांकि प्रशासन ने इस दौरान किसी भी अन्य वाहन को गुजरने की इजाजत नहीं दी है लेकिन बावजूद इसके पूरे राजमार्ग और यात्रा के दोनों मार्गों पर भी सुरक्षाबलों को अलर्ट किया गया है। प्रशासन को यह भी डर सता रहा है कि आतंकी कहीं अमरनाथ यात्रा को निशाना न बनाएं। आतंकी इससे पहले भी कई बार अमरनाथ यात्रियों को निशाना बन चुके हैं। ऐसे में राज्यपाल प्रशासन कोई भी ढील नहीं बरतना चाहता। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पूरे बुरहान वानी की बरसी को देखते हुए पूरे जम्मू-कश्मीर में अलर्ट जारी किया गया है।
कौन था पोस्टर ब्वाय बुरहान वानी
जिला अंतनाग में सुरक्षाबलों ने 8 जुलाई 2016 को सुरक्षाबलों ने एक लंबी मुठभेड़ के बाद हिजबुल मुजाहिदीन के स्थानीय कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया था। वानी का नाम कश्मीर में आज सबकी जुबान पर है। इस स्थानीय कमांडर पर 10 लाख रूपये का ईनाम था। 22 साल का बुरहान मरने के बाद कश्मीरी आतंकवाद का नया चेहरा बन गया। उसकी मौत को सुरक्षाबल बड़ी कामयाबी मान रहे थे परंतु उसकी मौत के बाद कई दिनों तक कश्मीर घाटी में हालात खराब रहे थे। हर साल उसकी बरसी पर आतंकवादी किसी वारदात की फिराक में रहते हैं लेकिन सुरक्षाबलों की चौकसी के कारण वे कभी कामयाब नहीं हो पाए।