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कोरोना संक्रमण से अनाथ बच्चों का पता लगाएगी सरकार

एक गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्था द्वारा कोविड से बेसहारा हुए बच्चों को अवैध रूप से गोद दिलाने व उन्हें बेचने की कथित खबरों का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने बुधवार को एफआइआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने जम्मू और कश्मीर संभाग के लिए दो पृथक तथ्य खोज समितियां भी गठित की हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 06:10 AM (IST)
कोरोना संक्रमण से अनाथ बच्चों का पता लगाएगी सरकार
कोरोना संक्रमण से अनाथ बच्चों का पता लगाएगी सरकार

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: एक गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्था द्वारा कोविड से बेसहारा हुए बच्चों को अवैध रूप से गोद दिलाने व उन्हें बेचने की कथित खबरों का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने बुधवार को एफआइआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने जम्मू और कश्मीर संभाग के लिए दो पृथक तथ्य खोज समितियां भी गठित की हैं। यह समितियां दोनों संभागों में अनाथों, कोरोना संक्रमण में हुए अनाथों की संख्या और उनके कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यो का आकलन करेगी। जम्मू कश्मीर में कोरोना महामारी के दौरान कई बच्चे अनाथ हुए हैं। इन बच्चों के संरक्षण व कल्याण के लिए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं भी शुरू की गई हैं। इसके बावजूद इन बच्चों के गलत हाथों में पड़ने की लगातार आशंका व्यक्त की जा रही है। यह आशंका दिल्ली में उस समय सच साबित हुई जब एक मीडियाकर्मी ने कश्मीर और दिल्ली के कुछ एनजीओ संचालकों का स्टिंग किया। इसमें यह एनजीओ संचालक कोविड से अनाथ हुए बच्चों को अवैध रूप से गोद दिलाने के बदले मोटी रकम लेने की बात कर रहे हैं। पुलवामा के पांपोर स्थित ग्लोबल वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट का संचालक असरार अमीन दिल्ली के एक होटल में बातचीत में कह रहा है कि उनकी संस्था कोविड से अनाथ हुए कई बच्चों की देखभाल कर रही है। अगर बच्चे को गोद लेना है तो 75 हजार रुपये अदा करने होंगे। उसके पास कई अनाथ बच्चे हैं। अगर कोई कोविड से अनाथ हुआ बच्चा चाहता है तो कोई दिक्कत नहीं है। कश्मीरी बच्चे बहुत खूबसूरत होते हैं। अमीन ने कोविड में अनाथ हुए बच्चों की जोड़ी के लिए डेढ़ लाख रुपये मांगे और कहा कि मैं यह पैसा अपने लिए नहीं बल्कि अपनी संस्था के लिए मांग रहा हूं। उसने इन बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया की कागजी कार्रवाई की जरूरत भी नहीं बताई और कहा कि अगर कोई समस्या पैदा होगी तो वह उसे खुद हल कर लेगा। असरार अमीन की तरह एक अन्य एनजीओ संचालक एजाज अहमद डार ने तो अस्पतालों में से नवजात बच्चों को तथाकथित तौर पर उठाने और उन्हें गोद दिलाने का भी दावा किया। उसने ऐसे बच्चे के लिए 10 लाख की राशि की मांग की। पांपोर पुलिस स्टेशन में एफआइआर

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बच्चों की देखभाल और कल्याण की आड़ में हो रहे इस घिनौने कृत्य का पता चलते ही मिशन निदेशक एकीकृत शिशु संरक्षण योजना ने कथित दोषियों के खिलाफ पांपोर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई है। आइजीपी के संज्ञान में लाया मामला

समाज कल्याण विभाग की निदेशिका शीतल नंदा ने इस मामले को कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार के संज्ञान में लाते हुए कानून के तहत दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आग्रह किया है। वहीं, एकीकृत शिशु संरक्षण योजना जम्मू कश्मीर की मिशन निदेशक शबनम कामिली ने शिशु कल्याण समिति को प्रदेश में सभी कोविड से अनाथ हुए बच्चों से निजी तौर पर मुलाकात कर उनकी मौजूदा स्थिति से आइसीपीसी निदेशालय को एक दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है।


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