New Parliament House: नए संसद भवन का विरोध कर रहे विपक्षी दलों पर बरसे गुलाम नबी, कहा- सही मुद्दे उठाए विपक्ष
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष को नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करने की बजाय सही मुद्दों को उठाना चाहिए जिनका जनता पर कुछ असर पड़े। उन्होंने कहा कि नई संसद के निर्माण का विचार सबसे पहले पीवी नरसिम्हा सरकार के समय में रखा गया था
श्रीनगर, एजेंसी। दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले लगातार सियासी बवाल देखा जा रहा है। इसी बीच डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष को बॉयकॉट करने की बजाए बधाई देनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि नई संसद के निर्माण का विचार सबसे पहले पीवी नरसिम्हा सरकार के समय में रखा गया था लेकिन कुछ कारणों से इस पर काम नहीं हो पाया।
विपक्ष सही मुद्दे उठाए: गुलाम नबी
गुलाम नबी आजाद खुद इस उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके लिए उन्होंने कहा कि मैं जरूर शामिल होता, लेकिन मैं किसी कार्यक्रम में जा रहा हूं, जिस वजह से नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकूंगा। उन्होंने विपक्ष की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी कई मुद्दे हैं जिन्हें विपक्ष को सरकार के खिलाफ उठाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यवश विपक्ष की तरफ से वो मुद्दे नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा विपक्ष को जनता के हितों में मुद्दे उठाने चाहिए, इस मुद्दे से जनता को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
उन्होंने कहा कि ये देश के लिए बहुत अच्छी बात है की नई संसद बनी है और संसद की एक विशाल बिल्डिंग इतने कम समय में बनाई गई है। संसद की सदस्यों की संख्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में जरूरी भी था कि नई संसद का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि उद्घाटन चाहे प्रधानमंत्री करें या राष्ट्रपति, दोनों एक ही पार्टी के नेता हैं। मुझे लगता है कि विपक्ष को सही मुद्दों को उठाना चाहिए।
#WATCH | I would surely attend the inauguration ceremony of the new Parliament building if I was in Delhi. The opposition should praise the government to build the new Parliament in record time, whereas they are criticising the govt. I am strictly against the opposition… pic.twitter.com/fo5bayAwcn— ANI (@ANI) May 27, 2023
28 मई को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
दरअसल, 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी करने वाले हैं। जिसे लेकर विपक्ष की तरफ से विरोध किया जा रहा है कि संसद का उद्घाटन पीएम नहीं राष्ट्रपति को करना चाहिए। इसी वजह से कई राजनीतिक दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है।