गिलानी के घर इकट्ठा नहीं हो पाए अलगाववादी
प्रशासन ने हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक को घर में नजरबंद कर दिया। मुहम्मद यासीन मलिक को गिलानी के घर में दाखिल नहीं होने दिया।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी की घर पर सभी अलगाववादियों को जमा कर कश्मीर में अलगाववादी एजेंडे को हवा देने की कोशिश प्रशासनिक सख्ती के चलते नाकाम रही।
प्रशासन ने जहां उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को घर में नजरबंद कर दिया। जेकेएलएफ चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक को गिलानी के घर में दाखिल नहीं होने दिया। गिलानी ने अपने निवास पर मुहर्रम और करबला के विषय में सेमिनार का आयोजन करते हुए सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को उसमें भाग लेने बुलाया था।
संबंधित अधिकारियों की मानें तो गिलानी ने सेमिनार की आड़ में कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को हवा देने और सुधरते हालात को बिगाड़ने की साजिश को विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साथ मिलकर तैयार करना था। प्रशासन ने कट्टरपंथी नेता के मंसूबों को भांपते हुए उनकी नजरबंदी को बीती रात सख्त कर दिया। उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को सुबह नजरबंद बनाया। मीरवाइज ने सुबह दस बजे गिलानी के घर जाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें उनके घर के बाहर तैनात पुलिस कर्मियों ने नजरबंदी का हवाला देते हुए भीतर लौटने को कहा।
मीरवाइज वापस घर लौट गए। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक को नजरबंद नहीं बनाया गया था। जब वह सेमिनार में भाग लेने गिलानी के घर पहुंचे तो वहां पुलिसकर्मियों ने उन्हें भीतर प्रवेश नहीं करने दिया।
पुलिसकर्मियों ने उन्हें कट्टरपंथी नेता की नजरबंदी का हवाला देते हुए कहा कि वह भीतर प्रवेश नहीं कर सकते। मलिक भी वापस अपने घर लौट गए। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि कट्टरपंथी नेता के परिजनों व निकट संबधियों की आवाजाही पर पाबंदी नहीं थी। सिर्फ हुर्रियत व अन्य अलगाववादी संगठनों के लोगों को ही गिलानी से मिलने से रोका गया है।