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गावकदल कांड की बरसी पर लालचौक से सटे क्षेत्र रहे बंद

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के लालचौक और उससे सटे इलाके सोमवार को

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 02:43 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 02:43 AM (IST)
गावकदल कांड की बरसी पर  लालचौक से सटे क्षेत्र रहे बंद
गावकदल कांड की बरसी पर लालचौक से सटे क्षेत्र रहे बंद

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के लालचौक और उससे सटे इलाके सोमवार को गावकदल कांड की 29वीं बरसी पर पीपुल्स पोलिटीकल पार्टी के आह्वान पर पूरी तरह बंद रहे। इस बीच, पुलिस ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक को एहतियातन हिरासत में ले लिया।

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इसके अलावा मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और सॉल्वेशन मूवमेंट के चेयरमैन जफर अकबर बट समेत छह अन्य अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया। पीपुल्स पोलिटीकल पार्टी के चेयरमैन हिलाल वार को पुलिस ने गत रविवार को ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अलगाववादियों के एक दल ने बसंतबाग इलाके में जमा होकर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की और गावकदल कांड में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक नमाज भी अदा की। सिविल लाइंस इलाकों में रैली का किया था एलान

हुíरयत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) के प्रमुख घटक पीपुल्स पोलिटीकल पार्टी ने गावकदल कांड की बरसी पर यानी 21 जनवरी को श्रीनगर के सिविल लाइंस इलाकों में बीते वर्षो की तरह बंद का आह्वान करते हुए रैली का एलान किया था। रैली में मीरवाइज समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को भाग लेना था। ¨हसा भड़कने की आशंका पर हिलाल वार को किया था गिरफ्तार

प्रशासन ने अलगाववादियों की प्रस्तावित रैली के दौरान ¨हसा भड़कने की आशंका को देखते हुए रविवार को ही हिलाल वार को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया था। इसके साथ ही मीरवाइज, जावेद मीर, अशरफ सहराई व प्रो. बट को पुलिस ने उनके घरों में नजरबंद कर दिया। मोहम्मद यासीन मलिक किसी तरह पुलिस को चकमा देकर नजरबंदी से बच गए, लेकिन सोमवार सुबह जब वह गावकदल में रैली के लिए अपने समर्थकों संग निकलने वाले थे तो पुलिस ने उन्हें घेर लिया। पुलिस ने यासीन मलिक को उनके घर से पकड़ा। उन्हें कोठीबाग पुलिस स्टेशन की हवालात में बंद रखा गया है। जेआरएल कार्यकर्ताओं ने आत्मा की शांति के लिए नमाज अदा की

सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को हिरासत में लेने या फिर उन्हें घरों में नजरबंद किए जाने के बावजूद जेकेएलएफ नेता शेख अब्दुल रशीद के नेतृत्व में जेआरएल कार्यकर्ताओं का एक दल नारेबाजी करते हुए बसंतबाग में पहुंच गया। इन लोगों ने गावकदल कांड में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए नमाज अदा की। उसके बाद शांतिपूर्ण तरीके से आगे पीछे हो गए। इस बीच, गावकदल से सटे लालचौक, मैसूमा, बसंतवाग, हब्बाकदल, करालखुड, समंद्रबाग समेत विभिन्न इलाकों में गावकदल कांड पर अलगाववादियों की ओर से बुलाए गए बंद का असर जनजीवन पर नजर आया। मैसूमा और गावकदल में प्रशासन ने आने जाने के विभिन्न रास्तों को बंदकर रखा था। रैली में शामिल आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर चलाई थी गोली

गौरतलब है कि 21 जनवरी 1990 को गावकदल में राष्ट्रविरोधी रैली में शामिल कथित आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोली चलाई थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी गोली चलाई। उसके बाद वहां मची अफरा-तफरी और फाय¨रग में 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे। अलगाववादी खेमा इस घटना के लिए सुरक्षाबलों को जिम्मेदार ठहराते हुए गावकदल कांड को कश्मीर का जलियांवाला कांड करार देते हुए हर साल इसकी बरसी पर बंद का आयोजन करता है।


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