चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के लिए साक्षात्कार नहीं
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में अब सरकारी विभागों में चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के ि
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में अब सरकारी विभागों में चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के लिए साक्षात्कार नहीं होगा, बल्कि जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड संबंधित पदों के लिए अभ्यर्थियों की नियुक्ति दसवीं कक्षा में अíजत उनके अंकों के आधार पर करेगा। यह फैसला मंगलवार को राज्यपाल एनएन वोहरा की अध्यक्षता में हुई राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की पांचवीं बैठक में लिया गया। एसएसी ने ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत ग्राम सेवकों और बहुद्देश्यीय सेवकों के मासिक क्षेत्रीय यात्रा भत्ते को 40 साल बाद बढ़ाते हुए 15 रुपये से 100 रुपये करने, जम्मू-कश्मीर उत्पाद शुल्क एवं कराधान (राजपत्रित) सेवा के 27 अधिकारियों को कश्मीर प्रशासिनक सेवा (केएएस) में शामिल करने और 4750 करोड़ की लागत से कठुआ में तैयार होने वाली बहुद्देश्यीय उज्ज परियोजना को विस्तृत परियोजना (डीपीआर) को मंजूरी दी है। राज्यपाल की अध्यक्षता में राजभवन में हुई बैठक में राज्यपाल के सलाहकार बीबी व्यास, विजय कुमार और खुर्शीद अहमद गनई के अलावा मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने भाग लिया। दो घंटे तक चली बैठक में विभिन्न प्रस्तावों पर एसएसी ने विचार विमर्श किया।
सभी भर्तियों के लिए वाíषक कैलेंडर तैयार होगा
एसएसी ने राज्य सरकार के अधीनस्थ विभागों में चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी। यह निर्णय उन भर्तियों पर लागू नहीं होगा जिनके लिए चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। भविष्य में राज्य, प्रांतीय और जिला स्तर पर ही नहीं बल्कि राज्य सरकार के अधीन विभागों के अलावा विभिन्न उपक्रमों, संस्थानों, संगठनों, निगमों और बोर्डों में चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) ही करेगा। इसके लिए सामान्य प्रशासनिक विभाग (जीएडी) राज्य के विभिन्न विभागों में उपलब्ध चतुर्थ श्रेणी के सभी पदों को पूल कर एसएसबी को भेजेगा। एसएसबी सभी भर्तियों के लिए वाíषक कैलेंडर तैयार करते हुए चयन प्रक्रिया को यकीनी बनाएगा। चयन 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा या उसके समकक्ष की परीक्षा में अíजत अंकों की योग्यता पर होगा। साक्षात्कार समाप्त कर एसएसबी के जरिए भर्ती का यह फैसला एसआरओ अधिसूचना के माध्यम से लागू किया जाएगा। सभी विभागों / एजेंसियों के मौजूदा भर्ती नियम इसके अमल में आड़े नहीं आएंगे। वीएलडब्ल्यू / एमपीडब्ल्यू के लिए एफटीए में वृद्धि
ग्रामीण विकास विभाग के साथ काम कर रहे ग्राम सेवकों (वीएलडब्ल्यूएस) / बहुउद्देशीय श्रमिकों (एमपीडब्ल्यू) के तयशुदा क्षेत्रीय यात्रा भत्ते (एफटीए) को मौजूदा 15 रुपये मासिक से बढ़ाकर 100 रुपये प्रति माह करने के प्रस्ताव को भी एसएसी ने मंजूर किया है। वीएलडब्ल्यू / एमपीडब्ल्यू पंचायतों में किए कार्यों की निगरानी के लिए क्षेत्र की यात्रा करते हैं, पंचायतों की बैठक बुलाते हैं ,पंचायतों की संपत्तियों की निगरानी करते हैं। विभिन्न कार्यों के मस्टर शीट को सत्यापित करते हैं। इसलिए अपने अधिकार क्षेत्र में व्यापक यात्रा में करते हैं। उनका तय मासिक यात्रा भत्ता वर्ष 1978 के बाद से संशोधित नहीं हुआ था। वीएलडब्ल्यू / एमपीडब्ल्यू ने सरकार से बार बार एफटीए बढ़ाने का आग्रह किया था। इस फैसले से राज्य में 3314 वीएलडब्लू / एमपीडब्ल्यू लाभान्वित होंगे। 27 अधिकारी केएएस में शामिल
एसएसी ने जम्मू-कश्मीर उत्पाद शुल्क एवं कराधान (राजपत्रित) सेवा के 27 अधिकारियों को पदोन्नति के लिए 1500-3900 रुपये के वेतन बैंड में जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के टाइम स्केल 6600 रुपये के जीपी के साथ मंजूरी दे दी। उज्ज बहुद्देश्यीय परियोजना की डीपीआर मंजूर
एसएसी ने 45050 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली उज्ज बहुउद्देशीय परियोजना के संशोधित डीपीआर को मंजूरी दे दी। जिला कठुआ में उज्ज दरिया पर बनने वाली यह परियोजना पूरा हाने पर 186 मेगावाट बिजली उत्पन्न करने के अलावा जिले में लगभग 31,380 हेक्टेयर जमीन को भी सींचेगी। संशोधित डीपीआर में, बांध में जलाशय की ऊंचाई कम की गई है। इससे जलमग्न होने वाला क्षेत्र 41 वर्ग किमी से घटकर 34.5 वर्ग किमी रह गया है। प्रभावित होने वाली संभावित आबादी 11498 में तीन हजार की कमी आई है। संशोधित डीपीआर के मुताबिक अब 8684 लोग प्रभावित होंगे। परियोजना को वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा 90:10 के अनुपात में किया जाएगा। राज्य अपनी हिस्सेदारी के तहत 475 करोड़ रुपये देगा। परियोजना के तहत प्रभावित परिवारों (पीएएफ) के लिए राहत और पुनर्वास (आर एंड आर) किशनगंगा जलविद्युत परियोजना की तर्ज पर होगा। उज्ज बहुउद्देशीय परियोजना राज्य के लोगों की लंबी लंबित मांग रही है । तीन साल की अवधि के भीतर तैयार होने वाली परियोजना से 31,000 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में ¨सचाई सुनिश्चित होगी जिससे कृषि और बिजली के स्थानीय परि²श्य में सकारात्मक बदलाव आएगा। इस परियोजना के साथ, क्षेत्र के सामाजिक-आíथक विकास को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।