तीन पूर्व विधायकों समेत चार नेता रिहा
राज्य ब्यूरो श्रीनगर उप जेल एमएलए हॉस्टल में एहतियातन हिरासत में रखे गए चार वरिष्ठ राजनेताओं को सोमवार की शाम को प्रशासन ने स्वास्थ्य के आधार पर मुक्त कर उन्हें उनके घरों में नजरबंद कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: उप जेल एमएलए हॉस्टल में एहतियातन हिरासत में रखे गए चार वरिष्ठ राजनेताओं को सोमवार की शाम को प्रशासन ने स्वास्थ्य के आधार पर मुक्त कर उन्हें उनके घरों में नजरबंद कर दिया है। इनमें तीन पूर्व विधायक और एमएलसी हैं। अलबत्ता, इस संदर्भ में जब जेल प्रशासन और जिला प्रशासन से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मुद्दे पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया या जानकारी देने से इन्कार किया है।
नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस, पीपुल्स कांफ्रेंस, जेकेपीएम समेत मुख्यधारा के विभिन्न राजनीतिक दलों के 31 नेता एमएलए हॉस्टल में हिरासत में रखा गया है। जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के फैसले के बाद से राज्य प्रशासन ने करीब एक हजार नेताओं व कार्यकर्ताओं को एहितयातन हिरासत मे लिया था। इनमें से करीब 55 को शुरू में सेंटूर होटल में रखा गया था। हालात में बेहतरी के आधार और रिहाई की शर्ताें पर अमल करने का यकीन दिलाए जाने पर लगभग 22 नेताओं को रिहा किया गया और दो को उनके घरों में नजरबंद किया गया। शेष को 17 नवंबर को एमएलए हॉस्टल में लाया गया। एमएलए हॉस्टल को सबजेल का दर्जा दिया गया है।
सबजेल एमएलए हॉस्टल में एहतियातन हिरासत में रखे गए नेताओं में अली मोहम्मद सागर, शेख इश्फाक जब्बार, श्रीनगर नगर निगम के पूर्व मेयर शेख इमरान को गत सप्ताह उनकी तबीयत बिगड़ने पर शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा में दाखिल कराया गया था। शेख इमरान को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी जबकि अली मोहम्मद सागर और शेख इश्फाक जब्बार को सौरा प्रबंधन ने उनकी गंभीर हालत देखते हुए भर्ती कर लिया था। इनके अलावा पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर, पूर्व एमएमलसी बशीर वीरी, पूर्व विधायक सरताज मदनी, पूर्व मंत्री मोहम्मद खलील बंड, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन का भी स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। इनके परिजनों ने गत दिनों प्रशासन से आग्रह किया था कि वह इन नेताओं को रिहा करे। अगर रिहा न करना है तो इन्हें कुछ अन्य नेताओं की तरह ही घरों में नजरबंद किया जा सकता है। ------------------