शाह फैसल कल रैली में करेंगे अपने दल जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के निशान, नीतियों का एलान
रविवार को होने वाली इस रैली में जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शैहला रशीद शोरा भी उनके संगठन में शामिल हो सकती हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। नौकरशाह से सियासतदां बने पूर्व आईएएस टॉपर शॉह फैसल के राजनीतिक दल को लेकर बना संशय 17 मार्च को दूर हो जाएगा। वह रविवार को एक रैली में अपने राजनीतिक दल जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के निशान और नीतियों का एलान करेंगे। वह यह रैली शेर-ए-कश्मीर इंडोर स्टेडियम में आयोजित करने वाले थे परंतु रैली की अनुमति न मिलने पर अब वह रैली राजबाग स्थित गिंदन पार्क में खुले आस्मां के नीचे करेंगे। यही नहीं वह इस दौरान लोसभा चुनावों के लिए अपने प्रत्याशियों का भी एलान कर सकते हैं। उन्होंने कश्मीर घाटी के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में रैली में शामिल होने का आह्वान किया है।
रविवार को होने वाली इस रैली में जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शैहला रशीद शोरा भी उनके संगठन में शामिल हो सकती हैं। कहा जा रहा है कि शेहला रशीद श्रीनगर संसदीय सीट पर शाह फैसल की पार्टी की उम्मीदवार हो सकती हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2009 की यूपीएससी की परीक्षा में टॉप कर, सुर्खियों में आए डा शाह फैसल बीते करीब डेढ़ साल से रियासत की सियासत में सक्रिय होने का संकेत दे रहे थे। उन्होंने इसी वर्ष जनवरी माह की शुरुआत में सरकारी सेवा से इस्तीफा दिया था। उनके इस्तीफे के साथ ही रियासत की सियासत में चर्चा होने लगी थी कि वह नेशनल कांफ्रेंस का हिस्सा बनेंगे। लेकिन इस्तीफे के बाद वादी में हुई प्रतिक्रिया के बाद उन्होंने साफ कर दिया कि वह किसी परंपरागत राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे।
चुनावी सियासत में यकीन नहीं रखते फैसल
शाह फैसल ने अपना राजनीतिक दल बनाने का संकेत देते हुए कहा कि वह कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी के साथ जा सकते थे, लेकिन वह चुनावी सियासत में यकीन नहीं रखते। उन्होंने कहा कि मैं व्यवस्था का आदमी हूं और व्यवस्था में रहकर व्यवस्था में सुधार पर यकीन रखता हूं। शाह फैसल ने कश्मीर में आजादी और अलगाववाद के नारे का परोक्ष रुप से समर्थन करते हुए कहा कि इन मुद्दों पर राज्य विधानसभा में भी चर्चा होनी चाहिए।
कश्मीर में विश्वसनीय राजनीतिक पहल का अभाव
उन्हाेंने अपने इस्तीफे को कश्मीर और देश के विभिन्न हिस्सों में जारी तथाकथित मुस्लिम उत्पीड़न से जोड़ते हुए कहा था केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर में विश्वसनीय राजनीतिक पहल का अभाव है। जिसका मैं विरोध कर रहा हूं। मेरे लिए ये महत्वपूर्ण है कि कश्मीरी लोगों के जीवन का सम्मान किया जाए। मॉब लिंचिंग की घटनाएं और सरकार द्वारा सीबीआई और एनआईए जैसी संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिशों ने मुझे इस्तीफा देने पर मजबूर किया है।
रैली में करेंगे संगठन के निशान-नीतियों का एलान
शाह फैसल ने अपना राजनीतिक दल बनाने के लिए क्राऊडफंडिग शुरु करते हुए वादी के विभिन्न हिस्सों में युवाओं के साथ एक संपर्क अभियान भी चलाया। उत्तरी कश्मीर के लोलाब में एक बड़ी रैली भी की। रविवार को होने वाली रैली के बारे में पूछे जाने पर शाह फैसल ने कहा कि हमने पूरी तैयार कर ली है। करीब 10 हजार युवा इसमें मौजूद रहेंगे। इनके अलावा अन्य लोग भी होंगे। रैली में ही हम अपने संगठन के नाम-निशान का एलान करेंगे। शेहला रशीद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह मेरे साथ मेरे राजनीतिक दल में शामिल होंगी या नहीं यह वही जानती हैं। इस बारे में मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। यह पूछे जाने पर क्या वह संसदीय चुनावों के लिए भी अपने प्रत्याशियों का एलान करेंगे तो जवाब आया आप सिर्फ रविवार का इंतजार करिए। सब कुछ साफ हो जाएगा।