फुटबॉलर गायब, आतंकियों से जा मिलने की आशंका
राज्य ब्यूरो श्रीनगर आमिर तू कहां है वापस घर आ जा बेटा अल्लाह की खातिर घर लौट आ
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : 'आमिर तू कहां है, वापस घर आ जा बेटा, अल्लाह की खातिर घर लौट आओ। हमें ऐसे छोड़ कर मत जा, जल्द घर लौट आ। तेरे बिना नहीं रह सकते।' आंखों में आंसू लिए बुजुर्ग नजीर अहमद कभी अल्लाह से तो कभी प्रशासन से उनके नाती को वापस लाने की गुहार लगा रहे थे। उन्होंने कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकवादी संगठनों को भी अल्लाह का वास्ता देते हुए कहा कि अगर उनका बच्चा गलती से उनके पास आ गया है तो वे उसे घर वापस भेज दें। वह बहुत मासूम है।
नजीर की गुहार ने घाटी में युवकों के अचानक गायब होने और फिर जिहादियों की कतार में शामिल होने के सिलसिले के बदस्तूर जारी रहने की पुष्टि की है। आमिर सिराज के लापता होने से सोपोर और साथ सटे इलाकों में रहने वाले लोग सन्न हैं। किसी को यकीन नहीं आ रहा है कि उत्तरी कश्मीर में फुटबॉल का उभरता सितारा एक सप्ताह से लापता है। 22 वर्षीय आमिर ननिहाल आडीपोरा सोपोर से 24 जून की शाम को गायब हुआ है। नाना नजीर अहमद ने कहा कि वह फुटबाल खेलने के लिए निकला था। फुटबाल उसकी जान है हमने सोचा लौट आएगा, लेकिन नहीं लौटा। मैंने उसकी मां को भी बताया। वह फोन भी घर में ही छोड़ गया था। सभी दोस्तों और रिश्तेदारों के घरों में भी तलाशा। उसने किसी दोस्त से भी संपर्क नहीं किया है। हमने पुलिस में भी उसके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई है। आमिर के एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि हम पुलिस और प्रदेश प्रशासन से आग्रह करते हैं कि वह आमिर का जल्द पता लगाएं। सोशल मीडिया पर भी अपील की है। हम खुदा से दुआ कर रहे हैं कि अगर वह गुमराह होकर बदूंकधारियों के पास चला गया है तो उसे वापस घर भेज दें। सभी परिजन प्रशासन के साथ घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों से भी अपील कर रहे हैं कि आमिर उनके परिवार का इकलौता बेटा है, पूरा परिवार उसी पर निर्भर है। यदि वह गलती से उनके पास चला गया है तो वह उसे समझाकर वापस घर भेज दें। एसएसपी सोपोर जावेद इकबाल ने कहा कि युवक की तलाश के लिए टीम का गठन किया गया है। उसके आतंकी बनने के बारे में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। हम सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जाच कर रहे हैं। उसके सोशल मीडिया एकाऊंड की जांच भी की जा रही है। उसके कई दोस्तों से संपर्क किया गया है।
गौरतलब है कि बुधवार को पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर विजय कुमार के अनुसार बीते साल इसी अवधि 129 लड़के आतकी बने थे। साल 2019 के पहले छह माह और इस साल के पहले छह माह के दौरान आतंकी बनने वाले युवकों की संख्या की तुलना की जाए तो इस साल आतंकी बनने के वाले युवकों की संख्या में 58 प्रतिशत की कमी आई है।