सुरक्षाबलों और हिंसक तत्वों के बीच झड़पों में पांच लोग जख्मी
अलगाववादियों के प्रदर्शनों के आह्वान को देखते हुए श्रीनगर के डाउन-टाउन में रैनावारी, सफाकदल, खनयार, करालखुड, महराजगंज, नौहट्टा और मैसूमा समेत सात थानाक्षेत्रों में निषेधाज्ञा लगाई थी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : अलगाववादियों के राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए प्रशासनिक पाबंदियों से जुलूस तो नहीं रुके, लेकिन श्रीनगर समेत वादी के विभिन्न इलाकों में जनजीवन प्रभावित रहा। इस दौरान पुलिस और हुर्रियत समर्थक ¨हसक तत्वों के बीच झड़पों में पांच लोग जख्मी हो गए। एतिहासिक जामिया मस्जिद में दूसरे शुक्रवार को भी नमाज ए जुम्मा की अजान नहीं गूंजी। कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुरियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, हिलाल वार समेत सभी प्रमुख नेताओं को पुलिस ने उनके घरों में नजरबंद रखा।
ऑल पार्टी हुíरयत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने वादी में गत दिनों सुरक्षाबलों के साथ विभिन्न मुठभेड़ों में आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्करों की मौत पर पूरे कश्मीर में नमाज ए जुम्मा के बाद देश विरोधी प्रदर्शनों का आह्वान किया था। प्रशासन ने अलगाववादियों के प्रदर्शनों के आह्वान को देखते हुए श्रीनगर के डाउन-टाउन में रैनावारी, सफाकदल, खनयार, करालखुड, महराजगंज, नौहट्टा और मैसूमा समेत सात थानाक्षेत्रों में निषेधाज्ञा लगाई थी। स्कूल और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया था। प्रशासनिक पाबंदियों से सिर्फ डाउन-टाउन में ही नहीं लालचौक समेत श्रीनगर के अन्य हिस्सों के साथ बारामुला, गांदरबल, पांपोर, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां में भी जनजीवन प्रभावित रहा। हालांकि ग्रामीण इलाकों में जनजीवन पूरी तरह बहाल रहा। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही जरूर प्रभावित रही।
सभी संवेदनशील इलाकों में प्रशासन ने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात किया था। दोपहर तक स्थिति लगभग सामान्य रही, लेकिन बाद में विभिन्न इलाकों में हालात बदलने लगे और जुलूस निकलने लगे। हजरतबल दरगाह समेत श्रीनगर की सभी प्रमुख जियारतों और मस्जिदों में नमाज ए जुम्मा सामान्य रूप से संपन्न हुई, लेकिन नौहट्टा स्थित एतिहासिक जामिया मस्जिद में लोग नहीं आए। पूरे इलाके में राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिस ने सभी रास्तों को सील कर दिया था। मीरवाइज भी अपने घर में नजरबंद थे। लोग भी किसी अनहोनी से बचने के लिए मस्जिद में नहीं आए और जामिया मस्जिद में बीते शुक्रवार की तरह नमाज ए जुम्मा नहीं हुई।
इस बीच, जेकेएलएफ नेता बशीर कश्मीरी व शेख रशीद ने जेआरएल के बैनर तले मैसूमा में जुलूस निकाला। जामिया मस्जिद हैदरपोरा में नमाज के बाद तहरीके हुरियत के कार्यकर्ताओं ने देश विरोधी नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला। फतेहकदल, जालडगर में भी जेआरएल के आह्वान पर राष्ट्रविरोधी जुलूस निकले। लालचौक से सटे गावकदल और बसंतबाग के अलावा फतेहकदल, जालडगर, सब्जी मंडी सौरा, नटीपोरा और हैदरपोरा में शरारती तत्वों ने राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों के रोके जाने पर पथराव शुरू कर दिया।
पहले तो सुरक्षाबलों ने संयम बनाए रखा, लेकिन जब पथराव की तीव्रता बढ़ने लगी और शरारती तत्वों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शुरू किया तो सुरक्षाकर्मियों ने भी लाठियों, अंसूगैस और पैलेट गन का सहारा लेकर उन्हें खदेड़ना शुरू कर दिया। इसके बाद ¨हसक झड़पें शुरू हो गई, जो देर शाम तक जारी थी। हालांकि पुलिस ने इनमें किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने पांच लोगों के जख्मी होने का दावा किया है।