जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़, सुरक्षा बलों ने जैश के दो आतंकियों को मार गिराया
Anantnag Encounter. जम्मू-कश्मीर केअनंतनाग जिले के कोकेरनाग में मुठभेड़ में सुरक्षा बलों दो आतंकियों को मार गिराया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। सुरक्षाबलों ने अपने आतंकरोधी अभियान को जारी रखते हुए दक्षिण कश्मीर के काचवान, अनंतनाग में मंगलवार को दो आतंकियों को एक भीषण मुठभेड़ में मार गिराया। दोनों ही आतंकी जैश-ए-मुहम्मद के थे। इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। जम्मू कश्मीर डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसकी जानकारी दी है।
Dilbagh Singh, Jammu & Kashmir DGP: There are around 275 terrorists out of which around 75 are foreign terrorists and others are locals. This number is decreasing, only 40 locals have joined in the last 5 and a half months, which is less than half of what it used to be. pic.twitter.com/TRnmkmAU0L
— ANI (@ANI) May 28, 2019
दिलबाग सिंह ने यह भी बताया कि यहां में लगभग 275 आतंकवादी हैं, जिनमें से 75 विदेशी नागरिक हैं और बाकी स्थानीय हैं। यह संख्या लगातार घट रही है। पिछले 5 महीने से ज्यादा समय में केवल 40 स्थानीय लोग इनके साथ शामिल हुए हैं, यह संख्या पहले की तुलना में आधी है।
बता दें कि जिला अनंतनाग में कोकरनाग के साथ सटे काचवान इलाके में सुबह आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी लेते हुए जवान जब आगे बढ़ रहे थे तो एक जगह छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी। इस बीच, जवानों ने भी अपनी पोजीशन ली और जवाबी फायर किया। इसके बाद शुरू हुई मुठभेड़ में अपरान्ह ढाई बजे के करीब सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया।
आतंकियों ने अपने पूर्व साथी की गोली मारकर हत्या की
उत्तरी कश्मीर के लंगेट (हंदवाड़ा) में आतंकियों ने अपने ही एक पुराने साथी को सुरक्षाबलों का मुखबिर होने के संदेह पर उसके घर के बाहर मौत के घाट उतार दिया। फिलहाल, किसी आतंकी संगठन ने इस हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस ने वारदात के बाद भाग निकले आतंकियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान छेड़ दिया है।पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे लंगेट के पास स्थित बाबगुंड गांव में अब्दुल मजीद शाह अपने घर के बाहर खड़ा था। अचानक वहां आतंकी आए और उन्होंने उसे नजदीक से गोली मार दी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अब्दुल मजीद पेशे से फल व्यापारी था, लेकिन पहले वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का एक नामी आतंकी था। सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव पर उसने आत्मसमर्पण कर दिया था। कुछ समय वह जेल में भी रहा और रिहा होने के बाद उसने आतंकवाद को छोड़कर फल व्यापारी के रूप में अपनी नयी जिंदगी शुरू की थी।यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि इसी साल तीन मार्च से पांच मार्च तक बाबगुंड इलाके में एक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो आतंकी मारे गए थे, जबकि चार सीआरपीएफ कर्मी व दो पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।
मुठभेड़ के दौरान क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर एक ग्रामीण भी मारा गया था। हालांकि पुलिस ने अब्दुल मजीद की हत्या के कारणों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन स्थानीय सूत्रों का दावा है कि आतंकियों को उस पर सुरक्षाबलों का मुखबिर होने का संदेह था। आतंकियों को लगता था कि उसने ही मार्च माह के दौरान बाबगुंड इलाके में छिपे आतंकियों की खबर सुरक्षाबलों को दी थी।
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