फारूक ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए पाक से बातचीत की वकालत
नेकां अध्यक्ष ने कहा कि इस समस्या के राजनीतिक समाधान को तलाशना और उसे लागू करना देश के मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व की नैतिक जिम्मेदारी है।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो]। जम्मू-कश्मीर में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कश्मीर समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की। उन्होंने कहा कि केंद्र में अब तक सत्तासीन रही विभिन्न सरकार कश्मीर समस्या के समाधान के लिए कश्मीरियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एक सतत संवाद व सुलह की प्रक्रिया बहाल करने में नाकाम रही हैं।
आज यहां नवाए सुब परिसर में स्थित पार्टी मुख्यालय में कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से आए जन प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत में फारूक ने कहा कि कश्मीर मसले के सियासी हल के लिए सभी पक्षों के साथ व्यापक और सतत सियासी प्रक्रिया शुरू करने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं है और न होगा। यह इस मुल्क के राजनीतिक नेतृत्व की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह अब और विलंब किए बगैर कश्मीर मसले को हल करे।फारूक ने कहा कि मुझे अफसोस है कि नई दिल्ली में आज तक जो भी हुकूमत रही है, उसने कश्मीर मसले को कश्मीरियों की राजनीतिक भावनाओं को समझते हुए हल करने का कोई प्रयास नहीं किया है। इसमें कोई संदेह नहीं कि विभिन्न मौकों पर कश्मीर मसले के हल के लिए कई कोशिशें और एलान हुए, लेकिन सब दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव में बीच रास्ते में ही दम तोड़ गए।
नेकां अध्यक्ष ने कहा कि इस समस्या के राजनीतिक समाधान को तलाशना और उसे लागू करना देश के मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व की नैतिक जिम्मेदारी है। कश्मीर समस्या के कारण ही बहुत से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। कश्मीर मसले के कारण ही पूरे उपमहाद्वीप में हमेशा अशांति और जंग का माहौल बना रहता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह राज्य के लोगों की उम्मीदों के अनुरूप कश्मीर समस्या के समाधान की प्रक्रिया शुरू करने लायक सुलह का हर संभव कदम उठाएं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर समस्या के दो पहलू हैं-एक आंतरिक और एक बाहरी।
आंतरिक पहलू को हल करने के लिए जहां राज्य व देश के भीतर संबंधित पक्षों से बातचीत की प्रक्रिया जरूरी है। वहीं इसके बाहरी पहलू को हल करने के लिए पाकिस्तान की भूमिका भी जरूरी है। पाकिस्तान के साथ भी बातचीत होनी चाहिए।