फारूक अब्दुल्ला बोले, हुर्रियत से होनी चाहिए बातचीत; महबूबा मुफ्ती ने कहा-देर आए दुरुस्त आए Kashmir News
Farooq Abdullah. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक कर रहे हैं कि हुर्रियत बात करने के लिए तैयार हो गया है तो फिर उनके साथ बातचीत होनी चाहिए।
नई दिल्ली, एएनआइ। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद व जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक कर रहे हैं कि हुर्रियत बात करने के लिए तैयार हो गया है तो फिर उनके साथ बातचीत होनी चाहिए।
महबूबा मुफ्ती बोलीं, देर आए दुरुस्त आए
इस बीच, महबूबा मुफ्ती ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के बातचीत पर राजी होने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा देर आए दुरुस्त आए।
उन्होंने कहा पीडीपी और भाजपा के बीच जो गठबंधन हुआ था, उसके पीछे भी मकसद यही था कि भारत सरकार और सभी संबंधित पक्षों के बीच कश्मीर मुद्दे पर बातचीत हो। मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने हर संभव प्रयास किया कि यह बातचीत की प्रक्रिया बहाल हो। आज मैं इस बात से बहुत राहत महसूस कर रही हूं कि हुर्रियत बातचीत के मुद्दे पर अपने स्टैंड में नरमी लाई है।
कश्मीर के हालात बदले, हुर्रियत बातचीत के लिए तैयार: सत्यपाल मलिक
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर के हालात में सुधार का दावा करते हुए कहा कि अब यहां का तापमान बदल गया है। हुर्रियत बातचीत के लिए तैयार खड़ी है। अगर अच्छे इरादे से काम किया जाए तो जम्मू कश्मीर हिंदोस्तान का बेहतरीन राज्य बन सकता है। यहां तो अपना अगल संविधान और झंडा है। मेरी गाड़ी पर भी राष्ट्रीय ध्वज के साथ राज्य का झंडा लगता है। हिंसा से कुछ नहीं होगा, गोली के बदले गुलदस्ता नहीं जनरल साहब गोली ही देंगे। वह शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में निशुक्ल सेट टॉप बाक्स वितरण समारोह में संबोधित कर रहे थे।
मलिक ने बीते साल के हालात की तुलना में मौजूदा हालात को बेहतर बताते हुए कहा कि जब मैं यहां आया था तो यहां तापमान ज्यादा था, आज तापमान उससे बहुत नीचे है। आपने खुद देखा होगा, वह लोग जिन्हें यहां हुर्रियत बोलते हैं जब राम विलास पासवान इनके दरवाजे पर खड़े थे तो इन्होंने दरवाजा नहीं खोला था। आज यही लोग बातचीत के लिए तैयार हैं। आतंकी संगठनों स्थानीय युवकों की भर्ती लगभग बंद हो चुकी है। जुमे की नमाज के बाद होने वाला पथराव भी बंद हो चुका है। यह अच्छे संकेत हैं।
स्थानीय युवकों को जिहाद के नाम पर गुमराह होने से बचने और हिंसा का मार्ग छोड़ने की सलाह देते हुए मलिक ने कहा कि हमारी कोशिश है कि जो भी युवक आतंकी बने हैं उन्हें वापस लाया जाए। केंद्र सरकार इसके लिए बहुत कुछ कर रही है, कई योजनाओं पर काम हो रहा है। हमें उस समय बिल्कुल अच्छा नहीं लगता जब कोई नौजवान मरता है। जब दूसरी तरफ से गोली चलती है तो आपको गुलदस्ता नहीं मिलेगा। जनरल साहब तो गोली ही देंगे। मैं नौजवानों से कहता हूं कि अगर अच्छे इरादे से काम करें तो जन्नत मिलेगी। इनके पास तो दो जन्नत हैं, एक यही कश्मीर जिसके बारे में जहांगीर ने कहा था कि दुनिया में अगर कोई जन्नत है तो यही है। दूसरी जन्नत वह जो बाद में मिलेगी,अगर सही व अच्छे मुसलमान के तौर पर रहेंगे। मैं उसके बारे में नहीं जानता जिनका इन्हें पाठ पढ़ाया जाता है। इस जन्नत की कोई गारंटी नहीं है।
कश्मीर है नौजवानों की समस्या
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दूरदर्शन अधिकारियों से कहा कि मैं नहीं कहता कि आप प्रोपेगंडा करें। सच्चाई और मनोरंजन में लपटेकर अगर कुछ बातें कही जाएंगी तो उनका फायदा होगा। कश्मीर में जो दुष्प्रचार चल रहा है,उसे नाकाम बनाया जा सकता है। हमें नौजवानों को दुष्प्रचार से बचाना है। कश्मीर की जो समस्या है, वह युवा पीड़ी की समस्या है। अगर हम युवाओं की नाराजगी दूर करेंगे तो यहां सबकुछ ठीक हो जाएगा। कश्मीर का 22 हजार बच्चा बाहर पढ़ता है। उनके साथ कई बार दिक्कतें होती हैं। हमने हरेक राज्य में उनके लिए एक लायजन अधिकारी नियुक्त किया है ताकि किसी भी स्थिति में इन बच्चो को थाने न जाने पढ़े अगर कोई मसला होता है तो यह लायजन अधिकारी उसे हल करें। अगर हम इन बच्चों की अच्छे से देखभाल करें और उन्हें सच से अवगत कराएं तो पार को जो झूठ है,लोग उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ड्रग्स पर मीरवाइज को सराहा
राज्यपाल ने कश्मीर में नशाखोरी के खिलाफ लोगों को एकजुट होकर प्रयास करने की अपील करने के लिए मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को सराहा। उन्होंने कहा कि मीरवाइज ने ड्रग्स के खिलाफ बोला, बहुतअच्छा है। कश्मीर में ड्रग्स का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है, जम्मू में बहुत बुरा हाल है। पंजाब तो बर्बाद हो गया है। कश्मीर में अभियान की बहुत जरूरत है।
हुर्रियत से वार्ता केंद्र तय करेगा
मीरवाइज द्वारा कश्मीर मसले पर बातचीत की इच्छा जताने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छा है। बातचीत मेरा विषय नहीं है। हुर्रियत से कब बातचीत करनी है,किसे करनी है,यह विषय केंद्र का है और वही तय करेगा। वन नेशन-वन इलेक्शन संबंधी सवाल के जवाब को भी वह टाल गए। यात्रा कश्मीरी कराते हैं,कराते रहेंगेअमरनाथ यात्रा की सुरक्षा संबंधी सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि यात्रा की सिक्योरिटी के हम अपने स्तर पर प्रबंध कर रहे हैं। यह यात्रा कश्मीर के लोग कराते रहे हैं, कश्मीरी ही कराते हैं और कराते रहेंगे। यह यात्रा कश्मीरियों के सहयोग के बिना नहीं हो सकती।
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