केंद्र ने हुर्रियत नेताओं की फंडिंग की है या नहीं: फारूक
फारूक ने कहा कि हुर्रियत नेताओं पर पाकिस्तान से ही नहीं नई दिल्ली के साथ भी साठगांठ के आरोप लगते रहे हैं। इसलिए सभी तथ्यों की जांच होनी चाहिए।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि एनआइए को आतंकी फंडिंग की जांच करने के साथ यह भी पता लगाना चाहिए कि क्या कभी भारत सरकार ने भी हुर्रियत नेताओं की फंडिंग की है या नहीं।
फारूक ने कहा कि हुर्रियत नेताओं को मिलने वाले पैसे की जांच करने के लिए मैं एनआइए को मुबारक देता हूं। पैसा कहां से आ रहा है, कहां इस्तेमाल हो रहा है, यह हम सभी लोगों को पता चलना चाहिए। पाकिस्तान किस रास्ते और किसलिए यहां पैसा भेज रहा है। इसके साथ ही एनआइए को यह भी छानबीन करनी चाहिए कि क्या नई दिल्ली भी हुर्रियत कांफ्रेंस को वित्तीय मदद देती रही है या नहीं।
फारूक ने कहा कि हुर्रियत नेताओं पर पाकिस्तान से ही नहीं नई दिल्ली के साथ भी साठगांठ के आरोप लगते रहे हैं। इसलिए सभी तथ्यों की जांच होनी चाहिए। यह कहना कि हुर्रियत नेताओं पर शिकंजा कसने से कश्मीर मसला हल हो जाएगा या आतंकवाद समाप्त हो जाएगा, सही नहीं है।
कश्मीर में आतंकवाद या कश्मीर विवाद तभी हल होगा जब भारत-पाकिस्तान आपस में बातचीत के जरिये इस मसले को हल करेंगे। फारूक ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि हर बार प्रधानमंत्री ही बात करें। मेरी राय में केंद्र सरकार को सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव सरीखे वरिष्ठ सांसद व नेता हों, पाकिस्तानी सांसदों के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पाकिस्तान भेजा जाए।
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