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कलनेई पनबिजली परियोजना के ईपीसी और पीएमसी ठेके रद

राज्य ब्यूरो श्रीनगर राज्य सरकार ने डोडा में चिनाब दरिया पर निर्माणाधीन 48 मेगावाट की लो

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 09:53 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 06:45 AM (IST)
कलनेई पनबिजली परियोजना के ईपीसी और पीएमसी ठेके रद
कलनेई पनबिजली परियोजना के ईपीसी और पीएमसी ठेके रद

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य सरकार ने डोडा में चिनाब दरिया पर निर्माणाधीन 48 मेगावाट की लोअर कलनेई जलविद्युत परियोजना के ईपीसी और पीएमसी ठेके रद कर परियोजना के अद्यतीकरण और शेष कार्य को ईपीसी मोड में पूरा करने के लिए दोबारा निविदाएं आमंत्रित करने को कहा है। साथ ही गांदरबल में भी 93 मेगावाट की बिजली परियोजना की बोली की प्रक्रिया को रद कर दिया है और जेकेएसपीडीसी को खरीद प्रक्रिया नए सिरे से शुरू करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा सरकार ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में ईपीसी मोड में 12 मेगावाट की करनाह जल विद्युत परियोजना के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना 42 माह में पूरी की जाएगी।

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राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में वीरवार को हुई राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक में कलनेई, गांदरबल और करनाह में विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं की मौजूदा स्थिति पर विचार विमर्श हुआ। बैठक में राज्यपाल के चारों सलाहकार, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम और राज्यपाल के प्रमुख सचिव मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि डोडा में 48 मेगावाट की लोअर कलनेई जल विद्युत परियोजना का ईपीसी (इंजीनियरिग प्रोक्यूरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) के आधार पर सितंबर 2013 में मैसर्स कोस्टल प्रोजेक्टस प्रो. लिमिटेड को ठेका दिया गया था। यह परियोजना सितंबर 2017 में पूरी की जानी थी। परियोजना पर काम की धीमी गति और आरबीआई की इनसाल्वेंसी लिस्ट में कोस्टल प्रोजेक्ट के होने का संज्ञान लेते हुए वित्तीय उप समिति ने ठेके को रद कर पीबीजी (परफार्मेंस बैंक गारंटी) को भुनाने की सिफारिश की थी। इसके अलावा इस परियोजना की पीएमसी (प्रोजेक्टस मैनेजमेंट कंसल्टेट) का ठेका मैसर्स आईसीसीएस-रोडिक कंसल्टेशन कंसाíटयम को दिया गया था। यह काम 48 माह में पूरा किया जाना था, लेकिन ईपीसी के घटिया कार्य प्रदर्शन को देखते हुए पीएमसी को अपने मानवश्रम को न्यूनतम करने के लिए कहा गया। इसके साथ पीएमसी ने अपने स्टाफ को हटाते हुए और अगस्त 2018 को काम बंद कर दिया। एसएसी ने सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मैसर्स कोस्टल प्रोजेक्ट लिमिटेड के साथ ईपीसी और आईसीसीएस रोडिक के साथ पीएमसी ठेके को अनुबंध की शर्तो के आधार पर समाप्त करने के फैसले पर सहमति की मुहर लगा दी। एसएसी ने इस परियोजना पर हुए काम को छोड़ शेष बचे काम के आधार पर डीपीआर को अद्यत कर शेष काम को ईपीसी मोड में पूरा करने क लिए नए सिरे निविदाएं आमंत्रित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही सचिवायुक्त बिजली विभाग और प्रबंध निदेशक जेकेएसपीडीसी को इस संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई के लिए प्राधिकृत भी कर दिया।

कलनेई परियोजना के अलावा गांदरबल में 93 मेगावट की परियोजना पर भी एसएसी ने कड़ा रुख अपनाया है। परिषद ने परियोजना की बोली की प्रक्रिया को रद कर जेकेएसपीडीसी को खरीद प्रक्रिया नए सिरे से शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। गांदरबल में सिध पर बनने वाली इस परियोजना के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के अलावा राज्य सरकार ने केंद्र के सिधु आयुक्त से भी अनुमति प्राप्त कर ली थी। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने भी इस परियोजना के लिए टेक्नो इकोनॉमिक क्लीयरेंस दी है। यह आकलन तीन साल के लिए मान्य था। इस आकलन को फिर से मान्यता देने क लिए सीईए से संपर्क किया गया। इस परियोजना के लिए पहले ही दो चरणों की बोली प्रक्रिया को ईपीसी के लिए अपनाया गया। इसमें एचसीसी सफल रही और उसके साथ 819.18 करोड़ रुपये में ठेका दिया गया। वहीं, एचसीसी इस परियोजना पर काम करने में नाकाम रही। इसलिए एसएसी ने 93 मेगावाट की परियोजना की बोली की प्रक्रिया को रद कर दिया गया। करनाह के इलाकों में बिजली संकट दूर होगा

बैठक में कुपवाड़ा जिले में पिगला करनाह में 12 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना के निर्माण को ईपीसी मोड में पूरा करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। परियोजना का ठेका मैसर्स एंजलिक-एसएपीयू कंसाíटयम को 96.967 करोड़ में कर सहित दिया गया है। काम 42 माह में पूरा करना होगा। इसमें निर्माण पूर्व की गतिविधियां और आवश्यक ढांचागत कार्य भी शामिल हैं। इस परियोजना से करनाह व उसके साथ सटे इलाकों में बिजली संकट दूर होगा। इस परियोजना का वित्तोपोषण ऋण-इक्विटी में 70:30 के अनुपात पर होगा। ऋण पीएफसी, आरईसी औार जेके बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों से जुटाया जाएगा। अगर अतिरिक्त धनराशि की जरूरत हुई तो उसे जेकेएसपीडीसीएल के स्रोतों से जुटाया जाएगा।


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