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जम्मू कश्मीर में दो साल में लगेंगगे आठ लाख स्मार्ट मीटर

प्रदेश में 21 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। 50 फीसद ही मीटर वाले उपभोक्ता हैं। जम्मू कश्मीर में बिजली टीएंडसी घाटा 50 फीसद है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 05:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 05:00 AM (IST)
जम्मू कश्मीर में दो साल में लगेंगगे आठ लाख स्मार्ट मीटर
जम्मू कश्मीर में दो साल में लगेंगगे आठ लाख स्मार्ट मीटर

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के अव्यवस्थित बिजली ढांचे को पटरी पर लाया जा रहा है। अवैध कनेक्शनों के जाल, बिजली बिल व मीटर रीडिंग में गड़बड़झाले पर अब स्मार्ट मीटर अंकुश लगाएगा। जम्मू कश्मीर में वर्ष 2023 तक बिजली के आठ लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इस परियोजना को जम्मू ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड (जेपीडीसीएल) और कश्मीर ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड (केपीडीसीएल) कार्यान्वित करेंगे। यह फैसला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिया गया है। प्रदेश में 21 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। 50 फीसद ही मीटर वाले उपभोक्ता हैं। जम्मू कश्मीर में बिजली टीएंडसी घाटा 50 फीसद है।

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संबंधित अधिकारियों ने बताया कि बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार फारूक खान और राजीव राय भटनागर के अलावा मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता, उपराज्य के प्रधान सचिव नीतिश्वर कुमार मौजूद थे। परिषद द्वारा मंजूर स्मार्ट मीटर परियोजना के तहत पूरे प्रदेश में छह लाख स्मार्ट व प्रीपेड मीटर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के एक उपक्रम ग्रामीण विद्युतिकरण निगम (आरईसीपीडीसीएल) लगाएगा। मौजूदा समय में दो लाख स्मार्ट मीटर प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम के तहत श्रीनगर व जम्मू में लगाए जा रहे हैं। परिषद ने स्मार्ट मीटर लगाने की परियोजना को पुर्नोत्थन वितरण क्षेत्र योजना जिसे आरडीएसएस भी कहते हैं के तहत दी है। आरडीएसएस का उद्देश्य वित्तीय स्थिरता और परिचालन रूप से कुशल वितरण क्षेत्र के माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और साम‌र्थ्य में सुधार करना है। स्मार्ट मीटर लगने से मीटर रीडिग, बिल तैयार करने व बिल वसूल की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। इससे न सिर्फ बिजली घाटा घटेगा बल्कि उपभोक्ताओं को यथासंभव नियमित, विश्वसनीय और गुणवत्ता आधारित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। डाटा रिकवरी सेंटर बनेंगे :

मीटर की रीडिग को श्रीनगर स्थित डाटा सेंटर और जम्मू स्थित डाटा रिकवरी सेंटर में बैठे अधिकारी व कर्मी विभिन्न अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए सीधा प्राप्त करेंगे। स्मार्ट मीटर के जरिए ऊर्जा वितरण निगमों को भी रियल टाइम पर उपभोक्ताओं को प्रदान की जा रही बिजली के बारे में लगातार जानकारी मिलेगी। अगर कहीं कोई दिक्कत है तो वह उसे तुरंत ठीक करने के लिए कार्रवाई भी कर सकेंगे।


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