कश्मीर में डि-रेडक्लाइजेशन सेंटर के पक्ष में डीजीपी
क्रॉसर सीडीएस जनरल विपिन रावत के बयान का दिलबाग सिंह ने किया समर्थन कहा- पाक के इशारे पर जम्मू कश्मीर के युवाओं को गुमराह किया जा रहा ------
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावत के उस बयान का डीजीपी दिलबाग सिंह ने समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि किशोरों और युवाओं के लिए डि-रेडक्लाइजेशन सेंटर कोई बुरी बात नहीं है। इससे आम कश्मीरियों को ही फायदा होगा। यह जरूर होने चाहिए।
सीडीएस जनरल रावत ने गत दिनों एक साक्षात्कार में जम्मू कश्मीर में स्थानीय अमन बहाली के लिए डि रेडक्लाइजेशन सेंटरों का सुझाव दिया था। इस पर सोमवार को पुलिस नियंत्रण कक्ष में पत्रकारों के सवाल पर दिलबाग सिंह ने कहा कि पाकिस्तान और उसके इशारे पर काम करने वाली एजेंसियां जम्मू कश्मीर में धार्मिक उन्माद पैदा करने और स्थानीय युवाओं में धर्माध जिहादी मानसिकता पैदा करने के लिए लगातार सक्रिय हैं। इससे कई युवाओं पर बुरा असर हुआ है और वह गुमराह होकर गलत रास्ते पर चल निकले हैं। अगर जम्मू कश्मीर में डि-रेडक्लाइजेशन सेंटर जैसी कोई सुविधा अथवा सुधारगृह बनाया जाता है, तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए।
बीते कुछ समय के दौरान आतंकी हिसा, पत्थरबाजी और राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में पकड़े गए युवकों का जिक्र करते हुए डीजीपी ने कहा कि इन लड़कों की बातें सुनकर कई बार अफसोस होता है। वह कई बार सर्वथा तर्कहीन और मूर्खतपूर्ण बातें करते हैं। अपने आचरण को सही ठहराने का प्रयास करते हैं। इसलिए अगर मजहबी मामलों में महारत रखने वाले, संबंधित विषयों के विशेषज्ञ और मनोचिकित्सकों के साथ ऐसी कोई सुविधा यहां उपलब्ध कराई जाती है तो उसका कश्मीरी नौजवानों को पूरा लाभ होगा। अगर ऐसा कोई विचार है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। यह एक अच्छा कदम है। यह आम कश्मीरियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।