आयोग जल्द परिसीमन पर सदस्यों से करेगा चर्चा
नेशनल कांफ्रेंस के सांसद परिसीमन में बतौर एसोसिएट सदस्य शामिल किए गए हैं लेकिन नेकां ने आयोग का बहिष्कार कर रखा है। नेकां के सांसद बातचीत की प्रक्रिया में शामिल होंगे इसकी संभावना शून्य ही है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में परिसीमन के लिए आवश्यक डाटा जमा करने के बाद परिसीमन आयोग जल्द ही प्रदेश से संबंधित सदस्यों के साथ विचार-विमर्श शुरू करेगा। वहीं नेकां के सदस्य इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे।
सूत्रों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई जल्द जम्मू कश्मीर से आयोग में नामांकित सदस्यों के साथ परिसीमन को लेकर विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू करेंगे। नेशनल कांफ्रेंस के सांसद परिसीमन में बतौर एसोसिएट सदस्य शामिल किए गए हैं, लेकिन नेकां ने आयोग का बहिष्कार कर रखा है। नेकां के सांसद बातचीत की प्रक्रिया में शामिल होंगे इसकी संभावना शून्य ही है। परिसीमन आयोग के अध्यक्ष जरूर उन्हें बैठक के लिए बुला सकते हैं। नेशनल कांफ्रेंस ने 30 मई को बयान जारी कर कहा था कि उसके तीनों सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी और मोहम्मद अकबर लोन आयोग का हिस्सा नहीं बनेंगे। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नेकां के तीनों सांसदों को परिसीमन आयोग में एसोसिएट सदस्य के तौर पर नामांकित किया था।
नेकां का कहना है कि यह परिसीमन आयोग जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 का नतीजा है। नेकां जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के खिलाफ है। आयोग का हिस्सा बनने का मतलब पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में लागू पुनर्गठन अधिनियम का समर्थन करना होगा। परिसीमन आयोग में जम्मू कश्मीर की तरफ से नेकां के तीन सांसदों के अलावा भाजपा सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह और जुगल किशोर शर्मा को एसोसिएट सदस्य नामांकित किया है। परिसीमन आयोग को प्रदेश में निर्वाचन क्षेत्रों की हदबंदी तय करने और अनुसूचित जातियों व जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित करने का अधिकार है। इसे छह मार्च 2020 को गठित किया है। परिसीमन आयोग का कार्यकाल पांच मार्च 2021 तक रखा गया है।