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    Delhi Bomb Blast: जम्मू-कश्मीर पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं डॉ. आरिफ के पिता, बोले- 'न मिले दोस्त के किए की सजा'

    By Naveen Sharma Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Fri, 14 Nov 2025 02:24 PM (IST)

    दिल्ली बम धमाके के आरोपी डॉ. आरिफ के पिता, जो जम्मू-कश्मीर पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं, ने कहा कि उनके बेटे को उसके दोस्त के किए की सजा नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने आरिफ की बेगुनाही पर जोर दिया और न्याय की गुहार लगाई। 

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    परिवार इस घटना से सदमे में है और कानूनी लड़ाई के लिए तैयार है।

    राज्य ब्यूरो,जागरण, श्रीनगर। दिल्ली बम धमाके के मामले में कानपुर से गिरफ्तार डॉ. आरिफ मीर के पिता जम्मू कश्मीर पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं। इन दिनों वह शरदकालीन राजधानी जम्मू में सचिवालय मे तैनात है। डॉ. आरिफ ने गत बुधवार की शाम को अंतिम वार अपने परिजनों से बात की थी।

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    हालांकि डॉ. आरिफ मीर के पिता ने अपने पुत्र की गिरफ्तारी को लेकर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उनक मां ने कहा कि मेरे चार बच्चे हैं। आरिफ दूसरे नंबर पर है। सबसे बड़ी बेटी है और वह नौकरीपेशा है। जबकि दो छोटे बेटे पढ़ाई कर रहे हैं।

    आरिफ पढ़ने में जहीन रहा है। हमे समझ में नहीं आ रहा है कि वह कैसे मुल्क के खिलाफ काम कर सकता है। हमारे घर में ऐसा बच्चा कैसे पैदा हो सकता है। हम जिन लोगों के खिलाफ है, वह उनकी जमात में कैसे हो सकता है।

    मेरे खाविद पुलिस में हैं। हमने यहां उन लोगों का मुकाबला किया जो हमारे मुल्क के खिलाफ हैं। हमने जिस मुल्क के लिए यहां पत्थर खाए, लोगों की उपेक्षा झेली, वह उस मुल्क के साथ कैसे दगा कर सकता है।

    डॉ. आरिफ की मां ने कहा कि वह बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहता था। हम उसे मजाक करते हुए कहते थे कि डाक्टर कैसे बनेगा, तू तो मुर्गा कटता नहीं देख सकता, हमेशा डरता रहता है, डॉक्टर बनकर किसी मरीज का ऑप्रेशन कैसे करेगा?

    हमें आज सुबह ही पता चला कि उसे कानपुर में पकड़ा गया है। हमारा तो सब कुछ बरबाद हो गया है। यह पूछे जाने पर कि आरिफ ने कब उनसे बातचीत की तो उन्होंने बताया कि डॉ. आरिफ ने बुधवार की शाम को चार बजे उनसे वीडियो काल पर बातचीत की है। इसके लगभग दो घंटे बाद उसने अपनी मंगेतर से भी फोन पर बात की है।

    रात को उसका फोन अचानक बंद हो गया और आज सुबह ही कानपुर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया है। उन्होंने कहा कि हमें बताया जा रहा है कि जब वह एमबीबीएस कर रहा था तो पुलवामा का डॉ. उमर उसके साथ पढ़ता था। डॉ. उमर ने लाल किले के बाहर धमाका किया है। अब उसके दोस्त के किए की सजा मेरे बेटे को नहीं मिलनी चाहिए।