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सीआरपीएफ को 29 शिविर बनाने के लिए मिलेगी जमीन

जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ की 61 बटालियन के अलावा तीन महिला बटालियन स्थायी तौर पर तैनात हैं। इनके अलावा 236 कंपनियों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। सीआरपीएफ के अनुसार प्रदेश में निकट भविष्य में उसकी बटालियनों की संख्या में कमी की संभावना नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 08:21 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 08:21 AM (IST)
सीआरपीएफ को 29 शिविर बनाने के लिए मिलेगी जमीन
सीआरपीएफ को 29 शिविर बनाने के लिए मिलेगी जमीन

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में कानून-व्यवस्था और आतंकरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस (सीआरपीएफ) को 29 बटालियनों के लिए स्थायी शिविर बनाने के लिए जल्द जमीन मिलने की उम्मीद है। उसके बाद प्रदेश में तैनात जवानों को बेहतर आवासीय सुविधाएं मिल सकेंगी। गृह मंत्रालय ने राज्य प्रशासन को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि सीआरपीएफ ने जमीन उपलब्ध कराने के लिए गृह मंत्रालय से अनुरोध किया था।

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उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ की 61 बटालियन के अलावा तीन महिला बटालियन स्थायी तौर पर तैनात हैं। इनके अलावा 236 कंपनियों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। सीआरपीएफ के अनुसार प्रदेश में निकट भविष्य में उसकी बटालियनों की संख्या में कमी की संभावना नहीं है। संबधित सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ ने जम्मू संभाग में नौ और कश्मीर में 20 स्थान चिह्नित भी कर लिए हैं और इनकी सूची प्रदेश प्रशासन को सौंपी है। दिल्ली बैठक में विस्तार से हुई चर्चा

संबधित अधिकारियों ने बताया कि गत सप्ताह नई दिल्ली में गृहमंत्रालय की बैठक में सीआरपीएफ, जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया था। बैठक में राज्य प्रशासन को निर्देश दिया गया कि वह इस मामले को जल्द हल करे। प्रदेश प्रशासन ने भी संबधित विभागों को तमाम औपचारिकताएं तय समय में पूरा करने के लिए कहा है। सीआरपीएफ डीजी ने लिखी थी चिट्ठी

उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) एपी महेश्वरी ने बीते माह केंद्रीय गृहमंत्रालय को पत्र लिखकर जम्मू कश्मीर में तैनात जवानों व अधिकारियों के लिए पर्याप्त आवासीय सुविधाओं का मुद्दा उठाया था। अधिकांश बटालियन मुख्यालय और शिविर भी मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को देखते हुए फिलहाल बल में कटौती संभव नहीं है। इसलिए कुछ स्थानों पर विशेष शिविर स्थापित करना आवश्यक है। गृह मंत्रालय ने की है प्रदेश प्रशासन से बात

सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने इस संदर्भ में बताया कि सीआरपीएफ जवानों के लिए आवासीय व अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। हमने जम्मू कश्मीर में अपनी आवश्यकताओं के आधार पर केंद्रीय गृहमंत्रालय से आग्रह किया था। मंत्रालय ने प्रदेश प्रशासन से बातचीत की है। अब यह गृहमंत्रालय और जम्मू कश्मीर प्रशासन के बीच का मसला है। इन जिलों में बनेंगे शिविर

जम्मू : जम्मू, कठुआ, उधमपुर, रामबन, रियासी, राजौरी, डोडा और रामबन।

कश्मीर : श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, बांडीपोर, बारामुला, कुपवाड़ा, अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां।


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