पंचायत चुनाव के लिए रोडमैप तैयार करने को समितियां गठित
राज्य ब्यूरो श्रीनगर आतंकियों की धमकियों से घबराए पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा इस्तीफे दिए जाने
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकियों की धमकियों से घबराए पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा इस्तीफे दिए जाने की विभिन्न घटनाओं के बावजूद जम्मू कश्मीर सरकार ने रिक्त पड़े पंच-सरपंच हल्कों और ब्लॉक विकास परिषदों के चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। यह चुनाव संभवत: 15 अक्टूबर 2020 के बाद किसी भी समय कराए जा सकते हैं। फिलहाल, इन चुनावों को शांतिपूर्वक, सुरक्षित और विश्वासपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार ने एक सर्वाेच्च और दो संभागीय समितियों का गठन किया है। संभागीय समितियों की रिपोर्ट के आधार पर सर्वाेच्च समिति को अपनी रिपोर्ट इसी माह 28 तारीख तक दाखिल करने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर व लददाख बनने से पहले जम्मू कश्मीर में नवंबर-दिसंबर 2018 में पंचायत चुनाव हुए थे। आतंकियों की धमकियों और नेशनल कांफ्रेंस,पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस जैसे कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दलों के बहिष्कार के बीच संपन्न हुए इन चुनावों में कई पंचायतों में उम्मीदवार ही मैदान में नहीं उतरे थे। पूरे प्रदेश के 20 जिलों में पंच-सरपंच के 12,650 हल्के खाली हैं। इसके अलावा 33 ब्लॉक विकास परिषदों का भी गठन नहीं हो पाया है। कश्मीर घाटी में पंच के 11,457 और सरपंच के 887 व जम्मू प्रांत में पंच के 182 और सरपंच के 24 हल्के खाली हैं।
प्रदेश सरकार ने इसी साल मार्च-अप्रैल में पंचायत प्रतिनिधियों के रिक्त पड़े पदों पर चुनाव कराने का प्रयास किया था, लेकिन कोविड-19 के फैलने के कारण चुनावी प्रक्रिया ठप हो गई थी। अब कोविड-19 के लॉकडाउन में राहत मिलने के साथ ही केंद्र सरकार के निर्देशानुसार जम्मू कश्मीर सरकार ने रिक्त पड़े पंच-सरपंच और बीडीसी के चुनाव कराने की कवायद फिर से शुरू की है।
संबधित अधिकारियों ने बताया कि परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर यह प्रक्रिया 15 अक्टूबर 2020 के बाद किसी भी समय शुरू की जा सकती है। प्रदेश प्रशासन चुनाव को 15 दिसंबर 2020 से पहले संपन्न कराना चाहता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने इन चुनावों की कार्ययोजना को तैयार करने के लिए एक अध्यक्ष समेत आठ सदस्यीय सर्वाेच्च समिति गठित करने के अलावा जम्मू और कश्मीर संभाग क लिए अलग अलग दो संभागीय समितियों का गठन किया है।
संभागीय समितियों की अध्यक्षता करेंगे मंडलायुक्त :
संभागीय समितियों की अध्यक्षता जम्मू और कश्मीर संभाग के मंडलायुक्त करेंगे। सर्वाेच्च समिति की अध्यक्षता जम्मू कश्मीर के गृह सचिव करेंगे। इसमें जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सीआइडी , परिवहन सचिवायुक्त, जम्मू और कश्मीर संभाग के मंडलायुक्त, ग्राम विकास एवं पंचायत राज विभाग का सचिव और समिति द्वारा अपने विवेकाधिकार द्वारा चुने जाने वाले योग्य व्यक्ति को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। कश्मीर संभाग की समिति की अध्यक्षता मंडलायुक्त कश्मीर करेंगे और इसमें आइजीपी कश्मीर, निदेशक ग्रामीण विकास विभाग कश्मीर और समिति द्वारा नामांकित योग्य व्यक्ति सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे। इसी तरह जम्मू संभाग की समिति की अध्यक्षता मंडलायुक्त जम्मू करेंगे। आइजीपी जम्मू,निदेशक ग्रामीण विकास विभाग जम्मू और समिति द्वारा नामांकित योग्य व्यक्ति सदस्य रहेंगे।
रोडमैप तैयार करेगी सर्वोच्च समिति
सर्वाेच्च समिति जम्मू कश्मीर में रिक्त पड़े पंचायत और बीडीसी हल्कों के चुनाव कराने का एक विस्तृत रोडमैप तैयार करेगी। वह इस रोडमैप को दोनों संभागों के लिए गठित समितियों की रिपोर्ट और प्रदेश के जमीनी हालात को ध्यान में रखते हुए तैयार करेगी। वह अपनी रिपोर्ट में सुरक्षा, चुनाव सामग्री व अन्य साजो सामान संबंधी सभी मुददों को संज्ञान में लेते हुए सरकार को चुनाव कराने के बारे में सिफारिश करेगी। संभागीय समितियां अपने अपने कार्याधिकार क्षेत्र के सुरक्षा परिदृश्य, परिवहन, मौसम व चुनाव के लिए आवश्यक साजो सामान को ध्यान में रखते हुए चुनाव कराने के संदर्भ में एक प्रारूप तैयार कर सर्वोच्च समिति को सौंपेगी। दोनों संभागीय समितियों को 21 सितंबर 2020 तक सर्वाेच्च समिति को अपनी रिपोर्ट देनी होगी। उसके बाद सर्वाेच्च समिति अपनी अंतिम रिपोर्टर् 28 सितंबर 2020तक प्रदेश प्रशासन को सौंपेगी।