वादी में तीन प्रत्याशियों ने चुनाव प्रक्रिया से नाम वापस लिया
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में निकाय चुनाव के पहले चरण के तहत आठ अक्टूबर को होने जा र
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में निकाय चुनाव के पहले चरण के तहत आठ अक्टूबर को होने जा रहे मतदान से तीन दिन पहले शुक्रवार को नेशनल कांफ्रेंस के दो कार्यकर्ताओं की दिनदहाड़े हत्या का असर नजर आने लगा है। श्रीनगर नगर निगम में एक महिला समेत दो उम्मीदवारों ने उत्तरी कश्मीर के पट्टन और दक्षिण कश्मीर के आंचीडूरा में एक उम्मीदवार ने चुनाव प्रक्रिया से अपना नाम वापस ले लिया है।
गौरतलब है कि आतंकी संगठनों ने चुनाव बहिष्कार का फरमान सुनाते हुए चुनाव लड़ने वालों को नाम वापस लेने या फिर मरने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी हुई है। पहले चरण का मतदान आठ अक्टूबर को होना है। पहले चरण में श्रीनगर नगर निगम के मात्र तीन वार्ड और कश्मीर संभाग के 12 नगर निकायों के अलावा जम्मू संभाग के 15 नगर निकाय शामिल हैं।
हालांकि आतंकियों के डर से पहले ही कश्मीर में कई जगह वार्डो में उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं। जिन्होंने नामांकन जमा कराया, उनमें से करीब 12 लोगों ने बीते एक सप्ताह के दौरान अपने नामांकन वापस लिए हैं। प्रशासन ने उम्मीदवारो में सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा करने के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध करने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराकर उनकी सुरक्षा यकीनी बनाने का प्रयास किया। श्रीनगर में नेकां कार्यकर्ताओं नजीर और मुश्ताक की हत्या के बाद अब नामांकन वापस न लेने वाले कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने लगे हैं। तीन प्रत्याशियों ने नामांकन भी वापस ले लिया है।
नेकां कार्यकर्ताओं की हत्या के चंद मिनटों बाद श्रीनगर नगर निगम में डलगेट की रहने वाली मुजम्मिल जान ने चुनाव से हटने का एलान करते हुए आधिकारिक तौर पर अपना नामांकन वापस ले लिया। वह श्रीनगर नगर निगम के वार्ड चार से बतौर निर्दलीय मैदान में थी। इसके अलावा श्रीनगर नगर निगम के लिए भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मेहराजुदीन ने भी माफी मांगते हुए चुनाव प्रक्रिया से हटने का एलान किया है। पट्टन में दो और दक्षिण कश्मीर के आंचीडूरा से भी एक उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया है। मुजम्मिल जान ने कहा कि मैं अपनी जान नहीं गंवाना चाहती। यहां रोज दावा किया जाता है कि चुनाव लड़ने वालों की सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त है। मुझे तो आज तक कोई सुरक्षा नहीं मिली है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता गुलाम नबी मोंगा ने कहा कि सुरक्षा का एक बड़ा मुद्दा है। आज जो हुआ है, उससे प्रत्याशियों में डर पैदा हो गया है। जो थोड़ा बहुत प्रचार चल रहा है, वह भी प्रभावित होगा। इससे मतदान पर भी असर पड़ेगा।
नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय प्रधान नासिर असलम वानी ने कहा कि हम चुनावों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। इसके बावजूद हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या से साफ हो जाता है कि आतंकी चुनावों को नाकाम बनाने के लिए हर तरीका इस्तेमाल करेंगे। हम पहले ही कह रहे हैं कि राज्य में चुनाव लायक माहौल नहीं है। इसके बावजूद यहां जिस तरह से चुनाव कराए जा रहे हैं, प्रत्याशियों को खड़ा कर जिताया जा रहा है। यह एक फ्रॉड है।
कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ आसिफ कुरैशी ने कहा कि आतंकियों ने पहले पेट्रोल बमों से हमला किया, प्रत्याशियों की फसलें जलाई । इन घटनाओं के बाद करीब 12 लोगों ने अपने नामांकन वापस लिए थे। प्रशासन ने सचेत होने के बजाय इन घटनाओं को नजरअंदाज किया और आज श्रीनगर में दो सियासी लोगों की हत्या हो गई। इससे साफ है कि चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक ही नहीं चुनावों के बाद भी आतंकी इन चुनावों में हिस्सा लेने वालों को निशाना बनाएंगे। इसलिए प्रत्याशियों में डर पैदा हो गया है। श्रीनगर नगर निगम में ही चुनावी माहौल नजर आ रहा था, लेकिन जो थोड़ी बहुत चुनावी हलचल यहां चल रही थी, वह भी अब थम जाएगी।