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कश्मीर में कमल खिलने की पूरी तैयारी

नवीन नवाज, श्रीनगर राज्य में चार चरणों में हुए नगर निकायों के चुनाव का परिणाम शनिवार को घोषित होन

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 02:26 AM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 02:26 AM (IST)
कश्मीर में कमल खिलने की पूरी तैयारी
कश्मीर में कमल खिलने की पूरी तैयारी

नवीन नवाज, श्रीनगर

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राज्य में चार चरणों में हुए नगर निकायों के चुनाव का परिणाम शनिवार को घोषित होने के साथ ही कश्मीर में कमल भी पूरी तरह खिलेगा। आजादी के बाद यह पहला मौका होगा, जब मुस्लिम बहुल कश्मीर घाटी में जहां अक्सर भाजपा के खिलाफ फतवे जारी होते हैं, लगभग 14 निकायों पर भाजपा का ही राज होगा। 100 से ज्यादा वार्डो में कमल खिलेगा। राज्य में 1145 वार्डों पर आधारित 79 नगर निकायों में से 598 वार्डों में 40 नगर निकाय कश्मीर घाटी के 10 जिलों में ही हैं।

गौरतलब है कि निकाय चुनाव प्रक्रिया चार चरणों में हुई और अंतिम चरण का मतदान 16 अक्टूबर को हुआ है। मतगणना शनिवार की सुबह ही होगी।

भारतीय जनता दूसरी बार कश्मीर में नगर निकाय चुनावों में हिस्सा ले रही है और उसने 260 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसके अलावा 50 निर्दलीय उम्मीदवारों को भाजपा का समर्थन था। भाजपा के सहयोगी दलों के करीब 30 उम्मीदवार भी मैदान में थे।

आतंकियों और अलगाववादियों की धमकियों के बीच निकाय चुनावों के दौरान कश्मीर में सिर्फ 186 वार्डों में ही मतदान हुआ है। 412 वार्ड में कोई मतदान नहीं हुआ क्योंकि उनमें से 181 में कोई उम्मीदवार नहीं था, जबकि 231 वार्डो में एक-एक उम्मीदवार था जो निíवरोध जीता है। सिर्फ 13 निकायों में चुनाव हुआ है। 27 में कोई चुनाव नहीं हुआ।

कश्मीर घाटी के विभिन्न निकायों में जिस तरह प्रत्याशी उतारे गए थे और जिस तरह कई जगह वह निíवरोध निर्वाचित हुए हैं, उसके आधार पर पहले ही दावा किया जा रहा है कि जिला अनंतनाग में 30 वार्ड, जिला बारामुला में 24, जिला शोपियां में 13, जिला बडगाम में 11, जिला कुलगाम में 10, जिला पुलवामा में नौ और कुपवाड़ा में तीन वार्ड भाजपा की झोली में ही हैं। यह वह वार्ड हैं जिनमें चुनाव हुए हैं।

भाजपा के लिए निकाय चुनावों की कमान संभालने वाले मौलवी तारिक ने कहा कि इस बार कश्मीर में चारों तरफ कमल ही कमल खिल रहा है। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि हिज्बुल्ला जैसे खूंखार आतंकी संगठन के कभी कमांडर-इन-चीफ रहे मौलवी तारिक जो वर्ष 2005 में भी श्रीनगर नगर निगम के बेमिना वार्ड से नेशनल कांफ्रेंस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और कुछ समय पहले ही भाजपा का हिस्सा बने हैं।

उन्होंने कहा कि इन चुनावों में हमारा सीधा मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशियों से रहा है या फिर नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी द्वारा उतारे गए छद्म उम्मीदवारों से रहा है। हम न सिर्फ श्रीनगर नगर निगम में अधिकांश सीटों पर जीतेंगे बल्कि पहलगाम, देवसर, सीर हमदान, शोपियां, कुलगाम, बडगाम, मागाम, सुंबल, पट्टन, बांडीपोर, सोपोर, हंदवाड़ा और कुपवाड़ा में भी हमें बहुमत प्राप्त होगा। इनमें से अधिकांश जगहों पर हमारे प्रत्याशी निíवरोध जीते हैं।

मौलवी तारिक के मुताबिक, हमारे प्रत्याशी 150 से ज्यादा सीटों पर जीतेंगे। उन्होंने कहा कि शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग, कुलगाम में हमारे कैडर ने पूरी मेहनत की है। शोपिया में हमारे जिला प्रधान जावेद कादरी ने 13 प्रत्याशी मैदान में उतारे, वह सभी जीते। देवसर के 13 में से आठ सीटों पर हमने उम्मीदवार तैयार किए। हमने उन जगहों पर अपने प्रत्याशी उतारे जहां अन्य कोई दल तैयार नहीं था।

कश्मीर की सियासत पर नजर रखने वालों के लिए भाजपा के लिए कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अलावा माकपा, डीपीएन और पीडीएफ जैसे दलों ने चुनावों में हिस्सा न लेकर भी राह आसान बनाई है। अगर यह दल चुनाव लड़ रहे होते तो भाजपा के लिए मौजूदा परिस्थितियों में जीत मुश्किल होती। उन्होंने बताया कि इस बार निकाय चुनावों में कश्मीर घाटी में करीब साढ़े चार प्रतिशत मतदान हुआ है, जबकि 2005 में निकाय चुनावों के दौरान 45 फीसद वोट पड़े थे। उस समय भी आतंकियों ने चुनाव बहिष्कार का फरमान सुनाया था, लेकिन नेकां व पीडीपी समेत अन्य राजनीतिक दल मैदान में थे।


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