शहीद के परिजनों को सांत्वना देने पहुंची मुख्यमंत्री हुई भावुक
उन्होंने शहीद के परिजनों को हर संभव मदद का यकीन दिलाते हुए कहा कि वह अकेले नहीं । राज्य सरकार उन्हें बेसहारा नहीं रहने देगी।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सोमवार को शहीद फिरोज अहमद डार के परिजनों को सांत्वना देने उनके पास पहुंचीं। इस दौरान शहीद की मां और पत्नी की हालत देख वह भी भावुक हो उठीं। आंखों में आंसू छलक आए और गला भर्रा गया। सिर्फ वो ही नहीं, वहां जो भी था, खुद को संभालते हुए अपने आंसू रोकने का ही प्रयास कर रहा था।
डोगरीपोरा, पुलवामा में सोमवार की सुबह मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अपने मामा सरताज मदनी संग शहीद फिरोज अहमद डार को श्रद्घांजलि देने और उनके परिजनों के साथ संवेदना जताने के लिए पहुंचीं। खादी ग्रामोद्योग के उपाध्यक्ष पीर मंसूर हुसैन और राज्य पुलिस व नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उनके साथ थे।
सब इंस्पेक्टर फिरोज अहमद डार शुक्रवार को अच्छाबल-अनंतनाग में अपने पांच साथियों संग आतंकियों के एक हमले में शहीद हो गए थे।मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जब शहीद के घर पहुंची तो शहीद की मां और बीवी खुद को रोक नहीं पाई। वह जोर-जोर से रोने लगी। शहीद की मां और उसकी पत्नी को सांत्वना देने के लिए महबूबा मुफ्ती ने जब उन्हें गले लगाया तो वे भी रो पड़ीं। बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपने आंसुओं को रोका। शहीद की मां और पत्नी को ढाढस बंधाते हुए कहा कि घबराएं नहीं, वह उनके साथ हैं। उनके बेटे को नहीं लाया जा सकता, लेकिन उनकी मुसीबतों और गमों को बांटने के लिए ही वह आई हैं।
उन्होंने शहीद की बेटियों को भी गले लगाया और उनसे बातचीत करते हुए उनके बाल सुलभ सवालों का कश्मीरी ही जवाब दिया।उन्होंने शहीद के परिजनों को हर संभव मदद का यकीन दिलाते हुए कहा कि वह अकेले नहीं । राज्य सरकार उन्हें बेसहारा नहीं रहने देगी।
उन्होंने शहीद के पिता और मां से बातचीत करने के बाद संबधित प्रशासनिक अधिकारियों को शहीद के किसी एक परिजन को एसआरओ-43 के तहत अनुकंपा के आधार पर सरकारी रोजगार यथाशीघ्र प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करें।
शहीद फिरोज अहमद डार द्वारा अपना मकान बनाने के लिए बैंक से कर्ज लेने का पता चलते ही मुख्यमंत्री कहा कि वह बैंक से इस कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए कहेंगी ताकि शहीद के परिजनों को किसी तरह की दिक्कत न हो। उन्होंने शहीद के बच्चों की पढ़ाई और भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए भी संबधित अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिए। करीब सवा घंटा शहीद के परिवार में रहने के बाद मुख्यमंत्री वहां से लौट आई।
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