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पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए सरकार चलाएगी 'बैक टू वैली'

राज्य ब्यूरो श्रीनगर केंद्र सरकार खुद संभालेगी कमान नवंबर से होगी शुरुआत देश और विदेशों में भी होगा कश्मीर का प्रचार रोड शो भी होंगे

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:25 AM (IST)
पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए सरकार चलाएगी 'बैक टू वैली'
पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए सरकार चलाएगी 'बैक टू वैली'

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: देश-विदेश से पर्यटकों को कश्मीर की ओर लाने के लिए बैक-टू-वैली (घाटी की ओर) कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसकी शुरुआत इसी साल नवंबर से होगी। इसका मकसद आतंकियों और अलगाववादियों की धमकियों के चलते बंद से तबाह हो रहे कश्मीर के पर्यटन उद्योग को फिर से पटरी पर लाना है। बड़ी बात यह है कि इसका जिम्मा खुद केंद्र सरकार संभालने जा रही है।

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दरअसल, पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित करने के फैसले से दो दिन पहले राज्य सरकार ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए देश-विदेश के पर्यटकों को कश्मीर से लौटने के लिए कहा था। इसके साथ ही वादी पर्यटकों से खाली हो गई। बड़ी बात यह कि कश्मीर में हालात सुधरने और प्रशासनिक पाबंदियों को हटाए जाने के बावजूद पर्यटक इधर की ओर रुख नहीं कर रहे हैं। अलगाववादियों और आतंकियों द्वारा जबरन बंद से भी पर्यटक आशंकित हैं। हालत यह है कि कश्मीर में पर्यटन उद्योग लगभग तबाही के कगार पर पहुंच गया है। अधिकांश होटल बंद हैं और उनमें काम करने वाले लोग बेरोजगार। रेस्तरां भी बंद हैं, टैक्सी चालक घरों में बैठे हैं, हाउस बोट खाली हैं। दस्तकारी क्षेत्र से जुड़े लोग भी इसके शिकार हैं।

इसके बाद ही केंद्र सरकार ने स्थानीय पर्यटन जगत की बेहतरी के लिए यह पहला बड़ा प्रयास किया है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय इस कार्यक्रम को राज्य पर्यटन विभाग के साथ मिलकर चलाएगा। इस कार्यक्रम की रूपरेखा के तहत कार्यक्रमों में राज्य के सभी छुए-अनछुए क्षेत्रों को देश और विदेश में प्रचारित किया जाएगा। इनमें राज्य की बहुरंगी संस्कृति की झलक दिखाई जाएगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने फेडेरशन ऑफ इंडियन टूर एंड ट्रेवल एसोसिएशन को भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कहा है। कश्मीर में कितने पर्यटक आए, पर्यटन विभाग को पता नहीं

उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक दो अगस्त तक कश्मीर घाटी में 5.21 लाख पर्यटकों के अलावा 3.40 लाख अमरनाथ श्रद्धालु आए थे। अकेले जुलाई में ही 1.70 लाख पर्यटक आए। हालांकि, 15 अगस्त के बाद कश्मीर में पर्यटकों की आमद हुई है, लेकिन आंकड़ा दो हजार भी पार नहीं हुआ। हालांकि, इनमें करीब 300 विदेशी पर्यटक जरूर शामिल हैं। दिलचस्प है कि पर्यटन विभाग के पास कश्मीर में पर्यटकों की आमद का कोई ब्योरा नहीं है। विदेशों में भी होंगे रोड शो

राज्य पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के बैक टू वैली कार्यक्रम के तहत न सिर्फ देश के विभिन्न हिस्सों में, बल्कि विदेशों में भी रोड शो व अन्य कार्यक्रम होंगे। कार्यक्रम उन्हीं जगहों पर होंगे, जहां से हमें पर्यटकों की उम्मीद है। देश के नामी समेत राज्य के सभी टूर ऑपरेटरों को अभियान का हिस्सा बनाया जाएगा। यह कार्यक्रम नवंबर से शुरू होगा। इसके लिए पर्यटन से संबंधित विज्ञापन और बैनर देश के सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर भी लगाए जाएंगे। प्रभावी तरीके से चलाया जाए कार्यक्रम: आशिक

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष शेख आशिक अहमद ने कहा कि बैक टू वैली कार्यक्रम को प्रभावी तरीके से संचालित किया जाना चाहिए। यह कार्यक्रम कुछ नौकरशाहों के सैर सपाटे के लिए नहीं, बल्कि देशी-विदेशी सैलानियों को कश्मीर में सैर सपाटे के लिए लाने का जरिया होना चाहिए। कार्यक्रम में पर्यटन से जुड़े स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस साल दो अगस्त से पहले तक करीब छह साल बाद पहली बार कश्मीर में पर्यटकों का जमावड़ा देखने को मिल रहा था। दो अगस्त को राज्य सरकार की एडवायजरी ने पर्यटन को नुकसान पहुंचाया और इसके बाद यहां बंद के माहौल में आतंकियों व अलगाववादियों के डर ने पर्यटन को बर्बाद कर दिया।


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