कश्मीर के बाद अब LOC पहुंचेगी भारतीय रेल, बारामुला-उड़ी परियोजना का DPR तैयार; सैन्य और आर्थिक क्षमता में होगा इजाफा
कश्मीर को रेल से जोड़ने के बाद, अब बारामुला-उड़ी रेल परियोजना नियंत्रण रेखा तक पहुंचेगी। 46 किमी लंबी इस परियोजना का सर्वे पूरा हो गया है। सामरिक दृष् ...और पढ़ें

जम्मू-कश्मीर में रेल सेवा का विस्तार। Picture credit- जागरण आर्काइव
नवीन नवाज, श्रीनगर। कश्मीर को देश से रेलमार्ग से जोड़ने के बाद अब रेल सेवा को उड़ी (बारामुला) सेक्टर में नियंत्रण रेखा तक पहुंचाने की तैयारी है। आर्थिक-सामाजिक बदलाव का वाहक बनकर सुख-समृद्धि की नई कहानी लिखने जा रही बारामुला से उड़ी 46 किमी लंबी प्रस्तावित रेल परियोजना का सर्वे पूरा हो गया है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार हो चुकी है।
रेलवे की यह परियोजना सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे एलओसी के अंतिम छोर तक सैन्य कर्मियों व उनके साजो सामान की त्वरित आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इससे एलओसी से सटे क्षेत्रों में पर्यटन व रोजगार भी बढ़ेगा और स्थानीय लोगों की आवाजाही भी सुगम होगी।
प्रस्तावित बारामुला-उड़ी रेलवे लाइन में तीन रोड अंडर-ब्रिज (आरयूबी) और नौ रोड ओवर-ब्रिज (आरओबी) होंगे और इसे एक नई सिंगल ब्राड-गेज लाइन के तौर पर विकसित किया जाएगा। सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।
एक हफ्ते का रास्ता 24 घंटे में होगा पूरा
यह रेलवे लाइन बारामुला से आगे शीरी, गंटमुल्ला, बोनियार, लिम्बर, नौग्राम और लगामा जैसी इलाकों से गुजरेगी। अब एक सप्ताह नहीं, 24 घंटे में पहुंचेगा सामान दिल्ली से उड़ी तक सैन्य साजो सामान व अन्य सामान मात्र 24 घंटे में पहुंच जाएगा, जो मौजूदा समय में सड़क के रास्ते चार दिन से लेकर एक सप्ताह की समयावधि में पहुंच रहा है।
अगर रास्ता खराब हो तो यह समयावधि बढ़ जाती है। जल्द शुरू होगा काम, संवाद जारी मौजूदा समय में कश्मीर में रेलवे नेटवर्क बारामुला जिला तक है। इससे आगे रेलवे लाइन को कुपवाड़ा और उड़ी तक विस्तार दिए जाने की योजना है। यह 272 किलोमीटर लंबी ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल परियोजना का विस्तार होगी।
रेलमंत्री ने की पुष्टि
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी हाल में इसकी पुष्टि की है और बताया कि बारामुला-उड़ी रेलवे लाइन का डीपीआर तैयार हो चुकी है। इस पर आगे का काम जल्द ही शुरू होगा। जम्मू-कश्मीर प्रदेश सरकार, नीति आयोग और वित्त मंत्रालय से इस संदर्भ में आवश्यक संवाद जारी है।

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