अगले माह चार हजार अधिकारी जाएंगे गांवों में
जम्मू कश्मीर में बैक टू विलेज का तीसरा चरण दो अक्टूबर से इस महीने तीन हफ्ते का ग्रामीण जन अभियान भी चलेगा =====
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में गांव की ओर कार्यक्रम (बैक टू विलेज) दो से 12 अक्टूबर तक चलेगा। इसके तहत करीब चार हजार अधिकारी गांवों में जाएंगे। यह चरण शिकायतों को दूर करने पर केंद्रित होगा। इसके पहले तीन हफ्ते का ग्रामीण जन अभियान चलाया जाएगा। गांव की ओर कार्यक्रम की सफलता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रभावित हैं। स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में वह इसकी तारीफ भी कर चुके हैं।
प्रदेश प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने बताया कि ग्रामीणों को उनके द्वार पर ही प्रशासन उपलब्ध कराने व ग्रामीण इलाकों के विकास को गति देने के लिए बैक टू विलेज कार्यक्रम हो रहा है। उन्होंने बताया कि गांव की ओर कार्यक्रम के तीसरे चरण से पहले ग्रामीण जन अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 10 से 30 सितंबर तक चलेगा। यह तीन विषयों जन सुनवाई, अधिकार अभियान और उन्नत ग्राम पर केंद्रित रहेगा। इस अभियान के दौरान ही पहले से तयशुदा जगहों पर या फिर ब्लाक मुख्यालय में हर सप्ताह बुधवार के दिन यौम ए ब्लाक मनाया जाएगा। सभी संबंधित प्रशासनिक अधिकारी इसमें शामिल होंगें। ग्राम जन अभियान और यौम ए ब्लाक के दौरान ग्रामीणों की शिकायतों को सुना जाएगा और मौके पर ही या फिर अगले सप्ताह के दौरान उन्हें हल करने का प्रयास किया जाएगा। अभियान का मकसद विकास का नारा देने के बजाय विकास को जमीनी स्तर पर लागू करना है। इसके साथ ही बैक टू विलेज के पहले व दूसरे चरण के तहत चिन्हित कार्यो को तीसरे चरण शुरू करने से पहले पूरा किया जाएगा। इस अभियान के दौरान सभी जिला उपायुक्त और जिला पुलिस प्रमुख बुधवार और रविवार के अलावा सप्ताह के प्रत्येक दिन अपने कार्यालय में सुबह 10 बजे से रात 11.30 बजे तक उपलब्ध रहेंगे। यौम ए ब्लाक के दौरान सभी जिला उपायुक्त और जिला एसएसपी प्रत्येक ब्लाक में जाएंगे। संबंधित अधिकारी इन 20 दिनों में शिकायतों को सुनेंगे व उन्हें हल करेंगे। सभी जिला उपायुक्त सभी 55 योजनाओं का 100 फीसद कार्यान्वयन और निगरानी करेंगे। सही मायनों में तीसरा चरण सभी कार्यो की समीक्षा व सत्यापन का होगा। इसके अगले माह जन शिकायतों के समाधान, जनसेवाओं को उपलब्ध कराने और ग्राम पंचायत के स्तर पर विकास को सुनिश्चित बनाने का समारोह होगा। प्रेस वार्ता में सचिव ग्रामीण विकास विभाग शीतल नंदा और सूचना निदेशक डॉ. सैयद सहरीश असगर मौजूद रहीं।