जनता से बात करने गांवों में फिर जाएगी सरकार
उपराज्यपाल ने सोमवार को बैक टू विलेज कार्यक्रम के पहले दो चरणों के तहत हुए कार्यो की अधिकारियों के साथ राजभवन में समीक्षा की है। उन्होंने जिला विकास और योजना बोर्ड के गठन की तैयारियों का भी जायजा लिया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: प्रदेश सरकार गांवों में लोगों के दरवाजे तक जाने के लिए फिर तैयार है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गांव की ओर (बैक टू विलेज) कार्यक्रम का तीसरा चरण शुरू करने का निर्देश दे दिया है। परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर यह इसी वर्ष अक्टूबर में शुरू होगा। उपराज्यपाल ने सोमवार को बैक टू विलेज कार्यक्रम के पहले दो चरणों के तहत हुए कार्यो की अधिकारियों के साथ राजभवन में समीक्षा की है। उन्होंने जिला विकास और योजना बोर्ड के गठन की तैयारियों का भी जायजा लिया।
उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि जो काम किया गया है, उसकी गुणवत्ता और उपयोगिता की अंतिम निर्णायक जनता ही है। इसलिए अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कार्यक्रम के पहले चरण में लोगों ने जो मागें रखी थीं वह अगला चरण शुरू होने से पहले पूरी हो जाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सड़क नेटवर्क की मजबूती जरूरी है। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत गांवों तक सड़क बनाने, हर घर में नल के जरिए पेयजल, बिजली और स्वास्थ्य जैसी मौलिक सुविधाओं के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। जलशक्ति विभाग जल जीवन मिशन के तहत मार्च 2022 तक शत प्रतिशत घरों में नल के जरिए पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा करे। ग्रामीण विकास विभाग बैक टू विलेज के तहत हुए कामों को वेब पोर्टल पर अपडेट करे। प्रत्येक ग्राम पंचायत में उपलब्ध सुविधाओं, मौलिक अवसंरचना और उपकरणों का एक डाटाबेस तैयार करने के लिए कहा गया है।
बैठक में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि गांव की ओर कार्यक्रम के अंतर्गत 81 करोड़ की लागत से 4,097 कार्य पूरे किए जा चुके हैं। 51 करोड़ की लागत से पूरे होने वाले 1,405 कार्य निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अलावा 14वें वित्त आयोग के तहत 1400 करोड़ रुपये पंचायतों को जारी किए जा चुके हैं। पिछड़े ब्लाक चिह्नित होंगे, हर पंचायत में खेल मैदान
उपराज्यपाल ने प्रदेश में आकांक्षी जिलों की तर्ज पर ही सबसे पिछडे़ ब्लॉकों को चिह्नित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सही मायनों में विकास तभी होगा जब हम सबसे पिछड़े इलाकों को विकसित बनाएंगे। केंद्र प्रायोजित योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाया जाए। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक पंचायत में खेल मैदान बनाया जाए। गत वर्ष पूरे हुए दो चरण
बैक टू विलेज कार्यक्रम का पहला चरण 20 से 27 जून 2019 तक चला था। इसके तहत प्रदेश की 4483 पंचायतों में करीब पांच हजार वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एक से दो दिन तक लोगों के बीच रहे और उनसे उनके मुद्दों पर बात की। विकास कार्यो को पूरा करने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त धनराशि भी जारी की। कार्यक्रम का दूसरा चरण 26 नवंबर से तीन दिसंबर 2019 तक चलाया गया। प्रदेश में डॉक्टरों के रिक्त पद जल्द भरे जाएं : सिन्हा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सेवारत डॉक्टरों को अतिरिक्त प्रोत्साहन व सुविधाएं प्रदान करने के लिए कहा।
उपराज्यपाल ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने और प्रत्येक जिला अस्पताल में डायलिसिस सुविधा सुनिश्चित बनाने के लिए कहा। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ प्रत्येक लाभार्थी को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा। उन्होंने सोमवार को राजभवन में जम्मू कश्मीर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए। बैठक में उपराज्यपाल ने उन्होंने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में उपलब्ध सुविधाओं और दवाइयों की कीमत को विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर डालने के लिए कहा। कार्डियोलॉजिस्ट व रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञों की भर्ती के भी निर्देश
सीएचसी व पीएचसी में मानव संसाधन को मजबूत करने पर जोर देते हुए उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि वे डॉक्टरों, नर्सो और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के रिक्त पदों को भी भरें। सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराने और कार्डियोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञों की भर्ती के निर्देश भी दिए। संक्रमित मरीजों के संपर्को का द्रुतगति से पता लगाएं
उपराज्यपाल ने कश्मीर संभाग में कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्को का द्रुतगति से पता लगाकर उनकी जांच करने और उन्हें आवश्यकता अनुरूप क्वारंटाइन करने को कहा। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के विभाग के वित्त आयुक्त अटल ढुल्लू ने जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य मानक, स्वास्थ्य अवसंरचना, चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग पैरामेडिक एजुकेशन, लीगल एंड पॉलिसी फ्रेमवर्क, मानव संसाधन, आयुष्मान भारत, नेशनल हेल्थ मिशन की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी। स्वास्थ्य योजना से 15 लाख परिवार लाभान्वित होंगे
वित्त आयुक्त ने उपराज्यपाल को बताया कि जम्मू व कश्मीर स्वास्थ्य योजना शुरू की गई है। इसके तहत प्रदेश के सभी नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना में वह सभी लोग शामिल हैं, जो आयुष्मान योजना में शामिल नहीं हो पाए हैं। इस योजना से करीब 15 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। 70 डायलिसिस मशीनें 15 जिला अस्पतालों में स्थापित की गई
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएमएनडीपी) के कार्यान्वयन की जानकारी देते हुए वित्त आयुक्त ने बताया कि परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराई गई 70 डायलिसिस मशीनों को जिला अस्पताल लेह व कारगिल सहित पंद्रह जिला अस्पतालों में स्थापित की गई है। डायलिसिस इकाइयों को संचालित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को स्कीमस श्रीनगर और सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल, जम्मू में प्रशिक्षित किया गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में सांबा, रियासी, रामबन, शोपियां और गांदरबल समेत पांच जिला अस्पतालों में डायलिसिस इकाइयां स्थापित की जाएंगी। जम्मू कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों कीे बहाली के लिए कमेटी गठित की
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए कमेटी गठित की है। कमेटी आर्थिक परि²श्य का जायजा भी लेगी। यह फैसला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से बातचीत कर दिया। इस दौरान अहम फैसले में बिजली माफी योजना को 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। हाउसबोट के पंजीकरण, लाइसेंस नवीकरण के दिशा निर्देश को लेकर समीक्षा की जाएगी।
उपराज्यपाल ने कहा कि सलाहकार केके शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है जिसमें वित्त आयुक्त, इंडस्ट्री के आयुक्त, पर्यटन विभाग के सचिव, जम्मू कश्मीर बैंक के चेयरमैन शामिल किए है। कमेटी व्यापारियो की समस्याओं के समाधान, अर्थव्यवस्था को बहाल करने, उद्योगों को सहयोग देने आदि मुद्दों पर विचार विमर्श कर एक सितंबर को सिन्हा को रिपोर्ट सौंपेगी। उद्योगों के बिजली माफी योजना को लेकर उठाई गई मांग पर उपराज्यपाल ने योजना के तहत लाभ लेने की अंतिम तिथि को 30 सितंबर तक बढ़ाने के निर्देश दिए। उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में निवेश को बढ़ावा देने और उद्योगों के लिए बेहतर वातावरण तैयार करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। नीति बनाते हुए सभी संबंधित वर्गों के प्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जाएगा। कश्मीर चैंबर के प्रधान शेख आशिक हुसैन ने उद्योग, हथकरघा, हाउस बोट, पर्यटन, प्राइवेट स्कूलों, एपल कोल्ड स्टोरेज, युवा उद्यमियों की समस्याओं से संबंधित मुद्दों को उठाया। उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया कि सरकार उद्योगों की समस्याओं के समाधान, उद्यमी विकास को बढ़ावा देने के लिए वचनबद्ध है।