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Avalanche on LOC: कुपवाड़ा एलओसी पर हुए हिमस्खलन में चार जवान शहीद, चार घायल

उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे करनाह और गुरेज के अग्रिम इलाकों में हिमस्खलन में चार जवान शहीद जबकि चार घायल जवानों का इलाज चल रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 08:37 AM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 01:14 PM (IST)
Avalanche on LOC: कुपवाड़ा एलओसी पर हुए हिमस्खलन में चार जवान शहीद, चार घायल
Avalanche on LOC: कुपवाड़ा एलओसी पर हुए हिमस्खलन में चार जवान शहीद, चार घायल

श्रीनगर, जेएनएन। उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे करनाह (कुपवाड़ा) और गुरेज (बांदीपोरा) में मंगलवार को हुए हिमस्खलन में चार सैनिक शहीद हो गए। सेना के अधिकारी ने कहा कि हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद बांदीपोरा जिले के गुरेज़ सेक्टर में तीन सैन्यकर्मी लापता हो गए थे जबकि चार जवानों को बचा लिया गया। बचाए गए सैन्यकर्मियों में से तीन ही हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। हिमस्खलन में अग्रिम सैन्य चौकियों को भी नुकसान पहुंचा है।

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जानकारी के अनुसार, दोपहर को करनाह सेक्टर के अंतर्गत एलओसी के अग्रिम छोर पर स्थित ईगल पोस्ट के पास हिमस्खलन हुआ। इसमें चौकी का एक हिस्सा कथित तौर पर बर्फ के बड़े-बड़े तोदों के नीचे आ गया। बताया जाता है कि सेना की दो जाट रेजीमेंट के चार जवान बर्फ में दब गए। हिमस्खलन थमते ही सेना की एवलांच रेस्क्यू टीम ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। एक दल को हेलीकॉप्टर के जरिए मौके पर उतारा गया। करीब तीन घंटे की मेहनत के बाद बचावकर्मियों ने दो जवानों को बर्फ के नीचे से जिंदा निकाल लिया, लेकिन उनकी हालत अत्यंत नाजुक थी। उन्हें हेलीकाप्टर से तुरंत श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में पहुंचाया गया।

इसी दौरान, जिला बांदीपोरा में गुरेज सेक्टर के अंतर्गत बगतूर इलाके में भी हिमस्खलन हुआ। इसके साथ ही वहां तेज हवाओं के साथ बर्फीला तूफान भी उठा और इसकी चपेट में चार सैन्यकर्मी आ गए। तूफान के शांत होने के बाद सेना के बचावकर्मियों ने अत्याधुनिक सेंसरों और खोजी कुत्तों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया। तीन जवानों को जल्द ही बर्फ के नीचे से जिंदा निकाल लिया गया, लेकिन एक अन्य जवान का देर रात तक पता नहीं चला था।

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि करनाह और बगतूर में अंधेरा होने तक बचाव कार्य जारी था। लापता जवानों का पता लगाने का प्रयास किया गया था। सुबह फिर जवानों की तलाश की गई तो उनके शव बरामद हुए । अभी तक मिली जानकारी के अनुसार हिमस्खलन के कारण चार जवान शहीद जबकि चार अभी भी घायल है।

पिछले माह भी दो बार हुआ था हिमस्खलन :

लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में भी पिछले माह दो बार हिमस्खलन हुआ था। 18 नवंबर को सियाचिन में हिमस्खलन में चार सैन्यकर्मी शहीद व दो सैन्य कुलियों की मौत हो गई थी। इसके बाद 30 नवंबर को भी सियाचिन में हिमस्खलन में दो जवान शहीद व छह को बचा लिया गया था। पाकिस्तान से लोहा ले रही भारतीय सेना बेहद दुर्गम क्षेत्रों में विपरीत मौसमी परिस्थितियों में भी सीना ताने खड़ी है। 


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