अफजल गुरु व मकबूल बट के अवशेष लौटाने की मांग
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने वोटों की सियासत के लिए अलगाववाद और आत
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने वोटों की सियासत के लिए अलगाववाद और आतंकवाद की भावना को उकसाते हुए अफजल गुरु व मकबूल बट के अवशेष कश्मीरियों को लौटाने की केंद्र से मांग की है। पीडीपी के राज्यसभा सांसद फैयाज मीर ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक औपचारिक पत्र भी लिखा है।
गौरतलब है कि 11 फरवरी 1984 को मकबूल बट और नौ फरवरी 2013 को मोहम्मद अफजल गुरु को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। इन दोनों के शव तिहाड़ जेल में ही दफन हैं। कश्मीर में इन दोनों आतंकियों की बरसी पर नौ फरवरी से तीन दिवसीय बंद है।
प्रधानमंत्री के नाम अपने पत्र में फैयाज मीर ने लिखा है कि अफजल गुरु का फांसी पाने वालों की सूची में 28वां नंबर था। इसके बावजूद उसे सबसे पहले फांसी पर लटका दिया गया, लेकिन उसके शव और अन्य सामान को उसके परिजनों को नहीं लौटाया गया। अफजल गुरु को जिस तरह चुपचाप फांसी पर लटका दिया गया, उसे विभिन्न विचाराधारा के लोगों ने असंवैधानिक करार दिया था।
पीडीपी सांसद ने कहा कि फांसी पर लटकाए गए दो कश्मीरियों के शव कैसे लोकतंत्र के लिए खतरा हो सकते हैं। क्या भारतीयों की सामूहिक अंतरात्मा में कश्मीरियों की अंतरात्मा शामिल नहीं है। मैं पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं कि अगर केंद्र सरकार मेरे आग्रह पर कार्रवाई करती है तो कश्मीरियों में दिल्ली के प्रति जो विमुखता और गुस्से की भावना है, उसको काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि ऐसे मुल्क जहां एक निर्वाचित प्रधानमंत्री के कातिलों की सजा ए मौत को माफ किया गया है, मुझे नहीं लगता कि दो कश्मीरियों के शव उनके परिजनों को लौटाने की मांग गलत और अपमानजनक है। इस मुश्किल दौर में हमारी अपील पर कार्रवाई करना वर्षो से जख्मों पर मरहम लगाने के समान होगा। अगर इस अपील को मंजूर किया जाता है तो इसे पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आए प्रधानमंत्री की दरिया दिली के तौर पर याद रखा जाएगा। इससे कश्मीर समस्या को बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का भी माहौल बनेगा।