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J&K: दूसरे राज्य के हजामों ने छोड़ा कश्मीर तो कैंची छोड़ चुके लोगों ने घर में खोल ली दुकान

कश्मीर में 20 हजार से अधिक बाहरी राज्यों के हजाम अपनी दुकानें बंद करके घरों को लौट गए हैं। ऐसे में अब कश्मीर में हजामों की कमी पैदा हो गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 09:31 AM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 10:18 AM (IST)
J&K: दूसरे राज्य के हजामों ने छोड़ा कश्मीर तो कैंची छोड़ चुके लोगों ने घर में खोल ली दुकान
J&K: दूसरे राज्य के हजामों ने छोड़ा कश्मीर तो कैंची छोड़ चुके लोगों ने घर में खोल ली दुकान

जम्मू, राज्य ब्यूरो। कश्मीर में 20 हजार से अधिक बाहरी राज्यों के हजाम अपनी दुकानें बंद करके घरों को लौट गए हैं। ऐसे में अब कश्मीर में हजामों की कमी पैदा हो गई है। दुकानों पर बाल कटवाने और हजामत करवाने आने वाले लोगों की भीड़ बढ़ रही है, लेकिन उनको हजामत करने वाले ही नहीं मिल रहे हैं। समय पर हजामत भी नहीं हो पा रही है। लोगों को अपनी-अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है, उसके बाद ही उनकी हजामत हो पा रही है।

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इसी बीच गौर करने वाली बात है कि कश्मीर के जो लोग हजाम का काम छोड़ चुके थे, फिर से कैंची पकड़ कर उसी काम में हाथ अजमाने लगे हैं। इससे जहां उन्हें रोजगार मिल रहा है बल्कि उनकी आर्थिकी में भी सुधार हो रहा है। स्थानीय लोगों के साथ कश्मीर हेयर ड्रेसर एसोसिएशन ने भी पुष्टि की है कि बाहरी राज्यों के करीब बीस हजार हजाम कश्मीर में दुकान करते थे।

सबसे ज्यादा यूपी के थे हजाम
गौरतलब है कि पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को हटाने से पूर्व ही प्रशासन ने बाहरी राज्यों के लोगों को घाटी छोड़ने की सलाह दी थी, जिसके बाद से लाखों की संख्या में श्रमिक घाटी से अपने घरों को लौट गए थे। उन्हीं के साथ हजाम का काम करने वाले भी कश्मीर छोड़ गए थे। घाटी में हजाम का काम करने वालों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के बिजनौर से संबंधित थे।

घर में ही कर रहा हूं काम, हो रही अच्छी कमाई
श्रीनगर निवासी मुश्ताक अहमद उन चंद हजामों में से हैं जो कि अभी भी यही काम कर रहे हैं। कहते हैं कि अब वह घर में ही काम कर रहे हैं। कश्मीर में 17 दिन से दुकानें बंद हैं। हजामों की मांग बढ़ गई है। जिन दुकानदारों ने बाहरी राज्यों से हजाम रखे थे, वे परेशान हैं और विकल्प ढूंढ रहे हैं। कम हजाम होने से मेरी भी अच्छी कमाई हो रही है।

अधिकांश कश्मीरी धार्मिक कारणों से ईद के दस दिन पहले बाल कटवाना, शेव करवाना बंद कर देते हैं। मगर अब ईद हो गई है तो लोगों की भीड़ भी बढ़ गई है। सुबह के प्रतिबंध होने के कारण शाम को घर में भीड़ रहती है। वहीं, स्थानीय युवक मोहम्मद शोयब कहते हैं कि वह अपने बाल तो खुद नहीं काट सकते हैं, लेकिन हां, दूसरे और रिश्तेदारों के बाल तो काट ही सकते हैं। 

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