लद्दाख के सुरक्षा हालात जानने लेह पहुंचे आर्मी कमांडर उपेन्द्र द्विवेदी, LG बीडी मिश्रा से भी की मुलाकात
लद्दाख में इस समय सेना पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों का सामना करने के लिए लगातार मजबूत हो रही है। ऐसे में आर्मी कमांडर व अन्य शीर्ष अधिकारी अग्रिम इलाकों के दौरे कर वहां तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी सेना की ऑपरेशनल तैयारियों को तेजी देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के दौरे पर पहुंच गए हैं। आर्मी कमांडर ने बुधवार को लेह के राजनिवास में उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा से बैठक कर उन्हें मौजूदा सुरक्षा हालात के बारे में जानकारी दी।
इस दौरान उपराज्यपाल ने सीमांत क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ लोगों को राहत देने के लिए सेना द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। लेह में उपराज्यपाल से बैठक में आर्मी कमांडर के साथ सेना की 14 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल रश्मि बाली भी मौजूद थे। इस बैठक में सेना और प्रदेश प्रशासन में बेहतर समन्वय बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की गई।
सेना की ऑपरेशनल तैयारियों के बारे में ली जानकारी
उपराज्यपाल के साथ बैठक में आर्मी कमांडर ने सेना की 14 कोर मुख्यालय में कोर कमांडर व कोर के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक में क्षेत्र के सुरक्षा हालात, मौजूदा चुनौतियां व उनका सामना करने के लिए अपनाई जा रही रणनीति पर भी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने नियंत्रण रेखा व वास्तविक नियंत्रण रेखा के अग्रिम इलाकों में सेना की ऑपरेशनल तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली।
बता दें कि लद्दाख में इस समय सेना पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों का सामना करने के लिए लगातार मजबूत हो रही है। ऐसे में आर्मी कमांडर व अन्य शीर्ष अधिकारी अग्रिम इलाकों के दौरे कर वहां तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के साथ उन्हें उच्च्तमत स्तर की सर्तकता बरतते हुए हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहने के निर्देश दे रहे हैं।
आर्मी कमांडर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के साथ जम्मू कश्मीर के विभिन्न इलाकों के दौरे कर वहां भी सुरक्षा संबंधी तैयारियों को तेजी दे रहे हैं। उन्होंने इसी हफ्ते की शुरुआत में जम्मू संभाग के राजौरी सेक्टर का दौरा कर सेना की ऑपरेशनल तैयारियां जांची थी। इस दौरान उन्होंने अग्रिम इलाकों में जाकर वहां दुश्मन के मंसूबों को नाकार रहे सैनिकों से भी बातचीत की थी।