अल-उमर व जैश-ए-मोहम्मद ने ली कश्मीर में हुए सात आतंकी हमलों की जिम्मेदारी
इस दौरान हिंसक झढ़पों के कारण पैदा हुए तनाव के चलते पूरे कस्बे में सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद हो गए।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । कश्मीर घाटी में मंगलवार को हुए सात आतंकी हमलों की जिम्मेदारी बुधवार को अल-उमर व जैश-ए-मोहम्मद ने ली। अल-उमर के चीफ कमांडर मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लटरम ने गुलाम कश्मीर की राजधानी मुजफफराबाद से जारी एक बयान में कहा कि मंगलवार को त्राल, पुलवामा, अनंतनाग, अवंतीपोर और उससे एक दिन पहले श्रीनगर के सर्राफकदल में हुए आतंकी हमलों को जैश व अल उमर के लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है।
लटरम ने अपने बयान में आने वाले दिनों मेें कश्मीर के भीतर अल- उमर व जैश की गतिविधियां तेज करने व सुरक्षाबलों पर और ऐसे हमलों की धमकी देते हुए कहा कि, कश्मीर में हिंदोस्तानी फौज के आखिरी सिपाही की मौजूदगी तक हमारे हमले जारी रहेेंगे।
कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर संग रिहा किए गए मुश्ताक लटरम ने कहा कि कश्मीर समस्या के हल के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू किया जाए और जब तक हिंदोस्तान इन सिफारिशो पर अमल नहीं करता, कश्मीर मुददे पर कोई भी बातचीत व्यर्थ है।
दक्षिण कश्मीर में गत मंगलवार को आतंकियों द्वारा ताबड़-तोड़ किए गए छह हमलों के बाद बुधवार को पूरी वादी में जहां सुरक्षाबल पूरी तरह एलर्ट नजर आए,वहीं राज्य पुलिस महानिदेशक डा एसपी वैद ने हालात के पूरी तरह नियंत्रण में होने का दावा करते हुए कहा कि इत्मिनान रखिए, श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा एक शांत, सुरक्षित और विश्वासपूर्ण माहौल में ही संपन्न होगी।
अलबत्ता, उन्होंने मंगलवार की रात को ग्रेनेड हमलों के लिए जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बेशक हिज्ब ने दो हमलों की जिम्मेदारी ली है। लेकिन हमारे तंत्र के मुताबिक, यह हमले जैश-ए-मोहम्मद ने किए हैं।
गौरतलब है कि, गत मंगलवार को आतंकियों ने कश्मीर घाटी में सात हमले किए। एक हमला उत्तरी कश्मीर के सोपोर मेंहुआ जबकि छह अन्य दक्षिण कश्मीर में ही हुए थे। दक्षिण कश्मीर में दो हमले सरनल व आंचीडूरा में हुए,जहां से श्री अमरनाथ के श्रद्घालु पैदल या अपने वाहनों में गुजरते हैं। इन हमलों ने 29 जून को शुरु होने जा रही श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए किए जा रहे सुरक्षाप्रबंधों की भी पोल खोली है।
इन हमलों के बाद पूरी वादी में विशेषकर दक्षिण कश्मीर में और श्रीनगर-बीजबेहाड़ा-अनंतनाग-जवाहर सुरंग सडक़ के अलावा श्रीनगर-गांदरबल और श्रीनगर-बेमिना बाईपास पर सुरक्षा व्यवस्था को बड़ा दिया गया है। सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस व अर्धसैनिकबलों के अस्थायी नाके व चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। संदिग्ध तत्वों की धरपकड़ के लिए विभिन्न इलाकों में तलाशी ली जा रही है। सभी सुरक्षा शीविरों और पुलिस प्रतिष्ठानों के लिए विशेष एलर्ट जारी किया गया है।
राज्य पुलिस महानिदेशक डा एसपी वैद ने आज सुबह इन हमलों के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि बेशक दक्षिण कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन का एक व्यापक नेटवर्क है। लेकिन यह हमले जैश-ए-मोहम्मद ने ही किए हैं। हिज्ब ने भी जिम्मेदारी ली है। लेकिन हमारे खुफिया तंत्र ने जांच के दौरान पता लगाया है कि जैश ने गत रोज हमले किए थे।
उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब पाक रमजान के महीने में आतंकियों ने हमले किए हों,वह पहले भी इस महीने के दौरान अपनी हिंसक कार्रवाईयों में तेजी लाते हैं। लेकिन यह अफसोस की बात है कि पाक रमजान के दौरान,जो इबादत और बरकतों का महीना है,आतंकी मासूमों का खून बहाने में लगे हैं।
इन हमलों से श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा पर असर के बारे में पूछे जाने पर डा वैद ने कहा कि श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा एक शांत,सुरक्षित और विश्वासपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए सुरक्षा का व्यापक बंदोबस्त किया गया गया है। इत्मिनान रखिए, श्रद्घालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत यात्रा के दौरान नहीं होगी।
दक्षिण कश्मीर में आतंकी हिंसा में तेजी के कारणों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तरी कश्मीर में विदेशी आतंकी ज्यादा हैं,जबकि दक्षिण कश्मीर में स्थानीय आतंकी ज्यादा हैं। इसलिए दक्षिण कश्मीर में ज्यादा वारदातें हो रही हैं। लेकिन जल्द ही हालात पूरी तरह सामान्य बना लिएजाएंगे।
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में बुधवार को पुलिस व छात्रों के बीच हिंसक झढ़पों में सात लोग जख्मी हो गए। हालांकि दोपहर तक पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया,लेकिन पूरे इलाके में हड़ताल और बंद होने से सामान्य जनजीवन ठप हो गया। इस बीच, साथ सटे शोपियां में डिग्री कालेज समेत सभी प्रमुख शैक्षिक संस्थान प्रशासनिक आदेश के तहत बंद रहे वहीं कुलगाम फ्रिसल में लोगों ने सुरक्षाबलों की कथित ज्यादातियों के खिलाफ बंद रखा।
पुलवामा से मिली सूचनाओं में बताया गया है कि आज सुबह कालेज व हाई स्कूल के छात्रों ने अपनी कक्षाओं केा बहिष्कार करते हुए एक जुलूस निकाला। आजादी समर्थक नारेबाजी कर रहे यह छात्र पत्थरबाजी के आरोप में पकड़े गए अपने साथियों की रिहाई की मांग कर रहे थे। पुलिस ने जब इन छात्रों को जुलूस निकालने से मना किया तो कई छात्रों ने पथराव शुरु कर दिया। इस दौरान कुछ छात्र पुलिस स्टेशन के बाहर भी पहुंच गए और उन्होंने वहां पुलिसस्टेशन मे जबरन दाखिल होने का प्रयास करते हुए पथराव किया।
संयम बरत रहे पुलिसकर्मियों ने जब स्थिति को पूरी तरह हाथ से बाहर निकलते देखा तो उन्होंने हिंसक हुए छात्रों को खदेडऩे के लिए लाठियां व आंसू गैस का सहारा लिया। इसके बाद कस्बे के विभिन्न हिस्सों में हिंसक झढ़पों का दौर शुरु हो गया। पुलिस जितनी बार हिंसक भीड़ को खदेड़ती, वह उतनी ही बार दोबारा जमा होकर पथराव करने लगी।
दोपहर को जाकर किसी तरह पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया। लेकिन तब तक कथित तौर सात लोग हिंसक झढ़पों में जख्मी हो गए थे। इस दौरान हिंसक झढ़पों के कारण पैदा हुए तनाव के चलते पूरे कस्बे में सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद हो गए। यातायात थम गया और सामान्य जनजीवन ठप हो कर ह गया।
इस दौरान कुलगाम जिले के फ्रिसल में स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर तलाशी के बहाने लोगों से अकारण मारपीट व तोड़-फोड़ करने का आरोप लगाते हुए हड़ताल की। पूरे इलाके में सभी दुकानें और व्यापारिक प्रष्ठिान बंद रहे। सडक़ों पर वाहनों की आवाजाही भी नाममात्र रही। बंद के दौरान स्थानीय लोगों ने आजादी समर्थक और सुरक्षाबलों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एक जुलूस भी निकाला।