जम्मू कश्मीर में ए-हेल्प कार्यक्रम अक्टूबर में होगा शुरु, प्रभावी बनाने के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा
किसी भी गांव में पशुधन की किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या व रोग के निदान के लिए सबसे पहले ए-हेल्प कार्यकर्ता ही सेवा प्रदान करेगा। यह उन इलाकों में बहुत मददगार साबित होंगे जहां पशुधन के लिए समय रहते चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिलती।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर में ए-हेल्प कार्यक्रम(स्वास्थ्य एवं पशुधन उत्पादन के विस्तार हेतु मान्यता प्राप्त एजेंट ) अक्टूबर में शुरु होगा। मौजूदा समय में इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इस सिलसिले में कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लु ने नागरिक सचिवालय में सबंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की।
बैठक को संबोधित करते हुए अटल डुल्लू ने किसानों की आय को दुगुना करने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) और ग्रामीण विकास विभाग (डीओआरडी) में परस्पर सहयोग व समन्वय की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ए-हेल्प कार्यक्रम भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है, इसलिए ए-हेल्प के सफल कार्यान्वयन के लिए एक स्पष्ट और पूरी तरह परिभाषित रोडमैप तैयार करने के लिए संबधित अधिकारियों को समन्वित तरीके प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि योजना कि ए-हेल्प योजना की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि इसका कार्यान्वयन कितनी अच्छी तरह से किया गया है। इसलिए प्रत्येक स्तर पर एक परिभाषित और भागीदारी वाली संस्थागत संरचना होनी चाहिए।
ए- हेल्फ कार्यक्रम को डीएवाई-एनआरएलएम के तहत प्रशिक्षित और मान्यता प्राप्त पशुधन पशु सखी जिन्हें ए- हेल्प कार्यकर्ता भी कहा जाता है कि सेवाएं लेते हुए पूरे देश में लागू किया जा रहा है। किसी भी गांव में पशुधन की किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या व रोग के निदान के लिए सबसे पहले ए-हेल्प कार्यकर्ता ही सेवा प्रदान करेगा। यह उन इलाकों में बहुत मददगार साबित होंगे जहां पशुधन के लिए समय रहते चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिलती। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए अभी से काम शुरू कर दें।
इस अवसर पर मौजूद संबधित अधिकारियों ने पावर प्वायंट प्रेजेंटेशन के जरिए ए-हेल्प कार्यकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह यह पशुधन मालिकों व किसानों को चारा, टीकाकरण, ईयर-टैगिंग और कृत्रिम गर्भाधान के संरक्षण, बछड़े के जन्म की जानकारी संबंधी मामलों में मदद करेंगे।