500 जनजातीय युवाओं को वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण मिलेगा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को पहली बार खेल शिक्षा संस्कृति साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में जनजातीय कल्याण और उपलब्धियों के लिए व्यक्तियों और संस्थानों को उनकी अनुकरणीय सेवाओं के लिए प्रदेश स्तर के जनजातीय पुरस्कार से सम्मानित किया। 500 जनजातीय युवा को प्रशिक्षित किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को पहली बार खेल, शिक्षा, संस्कृति, साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में जनजातीय कल्याण और उपलब्धियों के लिए व्यक्तियों और संस्थानों को उनकी अनुकरणीय सेवाओं के लिए प्रदेश स्तर के जनजातीय पुरस्कार से सम्मानित किया। 500 जनजातीय युवा को प्रशिक्षित किया जाएगा। श्रीनगर के एसकेआइसीसीए में हुए कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने कहा कि इस पुरस्कार समारोह में भाग लेकर बेहद गर्व महसूस हो रहा है। समुदाय की उपलब्धियों और सेवाओं को स्वीकार करने की यह पहल कई और लोगों को दूसरों के कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
उपराज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय समुदायों के समग्र विकास, जनजातीय युवाओं और महिलाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने, जनजातीय स्कूलों को बदलने और ग्राम विकास के लिए अथक प्रयास कर रही है। उपराज्यपाल ने घोषणा की कि बांबे स्टाक एक्सचेंज और पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रस्तावित वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम के तहत 500 जनजातीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। युवाओं की स्थायी आजीविका के लिए प्रशासन ने जनजातीय क्षेत्रों में मिनी भेड़ फार्म स्थापित किए हैं। समुदाय के युवाओं को डेरी क्षेत्र से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा बड़ी आबादी को अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में लाने के लिए कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी शुरू किए हैं। कई साल बाद सरकार ने वन भूमि अधिकार लागू किए हैं। जनजातीय परिवारों के लिए 100 वन धन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1500 वन धान स्वयं सहायता समूह गठित कर रही है। आइआइटी जम्मू और बाबा गुलामशाह बडशाह यूनिवर्सिटी में जनजातीय चेयर स्थापित करने के लिए जनजातीय मामलों के विभाग और इन दोनों ही संस्थानों के बीच एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने अकादमिक अनुसंधान और समुदाय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में मील का पत्थर बताया। उपराज्यपाल ने कहा कि हमने प्रभावी और व्यापक रणनीति विकसित की है जिसे जनजातीय परिवारों की आय बढ़ाने और युवाओं को जीवन.भर के अवसर प्रदान करने में मदद मिलेगी। इतिहास में पहली बार जनजातिय समुदाय के आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को गर्मी के मौसम में उच्च चरागाह क्षेत्र में रहने वाली आबादी की स्वास्थ्य देखभाल के लिए काम करने के लिए नियुक्त किया जा रहा है। सरकार ने दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक विशेषज्ञ डाक्टरों की सेवाओं के साथ पहुंचने के लिए टेली मेडिसिन योजना शुरू की है।
समुदाय के कल्याण के लिए विभिन्न पहलों का उद्घाटन हुआ। इनमें टीआरआई न्यूजलेटर का पहला संस्करण, जनजातीय अनुसंधान संस्थान का वेब पोर्टल, जनजातीय हेल्पलाइन, अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब, कौशल विकास कार्यक्रम शामिल हैं। टेली परामर्श सुविधा भी शुरू की गई। बाद में विभिन्न क्लस्टर जनजातीय गांवों के लिए 41 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई।