अलगाववादी मीरवाइज की नजरबंद खत्म होगी, आज हो सकते हैं रिहा
उमर फारुक ने हालाकि अगस्त 2019 के बाद से कश्मीर में अपने घर से बाहर सार्वजनिक तौर पर किसी भी राजनीतिक या सामाजिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लिया है लेकिन अपने घर पर वह हुर्रियत नेताओं की बैठकों का आयोजन करते रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: कश्मीर में लगातार सुधरते हालात और बहाल होती राजनीतिक गतिविधियों के बीच प्रदेश सरकार ने आल पार्टी हुर्रियत काफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारुक की नजरबंदी समाप्त करने का फैसला किया है। परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर उन्हें बुधवार को रिहा किया जा सकता है। वह पाच मार्च को जुमे की नमाज के लिए ऐतिहासिक जामिया मस्जिद भी जा सकते हैं। पाच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के मद्देनजर प्रशासन ने मीरवाइज मौलवी उमर फारुक को एहितयात के तौर पर नजरबंद किया था। करीब तीन माह बाद उनकी नजरबंदी को कथित तौर पर समाप्त कर दिया गया था। इसके बावजूद वह अपने घर से नहीं निकले। उन्होंने अपनी नजरबंदी का हवाला दिया, जिसका जम्मू कश्मीर पुलिस ने कई बार खंडन भी किया। इस बीच, वह कथित तौर पर कश्मीर से बाहर गुपचुप तरीके से एक यात्रा कर आए। बीते साल प्रशासन ने वादी में जिला विकास परिषद के चुनावों के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए उन्हें तथाकथित तौर पर नजरबंद कर दिया। उमर फारुक ने हालाकि, अगस्त 2019 के बाद से कश्मीर में अपने घर से बाहर सार्वजनिक तौर पर किसी भी राजनीतिक या सामाजिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन अपने घर पर वह हुर्रियत नेताओं की बैठकों का आयोजन करते रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न मजहबी संगठनों के साथ भी उनकी बैठकें हुई हैं। राज्य पुलिस ने हालाकि उनकी नजरबंदी के मुद्दे पर कुछ भी कहने से इन्कार किया है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि वह मीरवाइज बुधवार को अपने घर में एक बैठक भी कर रहे हैं। उन्हें बुधवार को औपचारिक तौर पर नजरबंदी से मुक्त कर दिया जाएगा। शुक्रवार को वह जामिया मस्जिद में भी नमाज के लिए जा सकते हैं।