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आतंकी साकिब का दोस्त बोला-अब उसका कभी चेहरा नहीं देखना चाहूंगा

इस्लाम में निहत्थों को कत्ल करने की इजाजत नहीं है। उसने इस्लाम का नाम लेकर एक गैर इस्लामी काम किया है। उसे अब कौन बहादुर मुसलमान कहेगा। वह तो दहशतगर्द बन चुका है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 05:57 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 05:57 AM (IST)
आतंकी साकिब का दोस्त बोला-अब उसका कभी चेहरा नहीं देखना चाहूंगा
आतंकी साकिब का दोस्त बोला-अब उसका कभी चेहरा नहीं देखना चाहूंगा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : छह माह पहले हाथों में असाल्ट राइफल के साथ इंटरनेट मीडिया पर अपनी तस्वीर वायरल कर खुद को बहादुर जिहादी बताने वाला आतंकी साकिब वास्तव में गीदड़ की तरह कायर है। उसकी कायरता को शुक्रवार पूरी दुनिया ने देखा। श्रीनगर के बागात बरजुला में निहत्थे दो पुलिसकर्मियों पर पीठ पीछे गोलियां दागने के बाद भागते हुए उसकी तस्वीरें वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो चुकी हैं। फिलहाल, वह अपनी जान बचाने के लिए छिपता फिर रहा है। वीडियो फुटेज में साकिब की करतूत देख उसके मित्र रहे एक युवक ने कहा कि अच्छा हुआ जो उसने कहा था कि उसे कोई तलाश न करे। मैं चाहूंगा कि मुझे कभी उसका चेहरा भी देखने को नहीं मिले। इस्लाम में निहत्थों को कत्ल करने की इजाजत नहीं है। उसने इस्लाम का नाम लेकर एक गैर इस्लामी काम किया है। उसे अब कौन बहादुर मुसलमान कहेगा। वह तो दहशतगर्द बन चुका है। बागात बरजुला में दो पुलिसकर्मी निहत्थे एक दुकानदार के पास खड़े थे। दोनों की पीठ सड़क की तरफ थी। इसी दौरान साकिब अपने साथी के साथ एक मोटरसाइकिल पर वहा सड़क पर उतरा। साकिब दुकान से कुछ ही दूरी पर रुकाऔर उसने अपने फिरन से असाल्ट राइफल निकालकर दुकान पर खड़े दोनों पुलिसकर्मियों की पीठ पर अंधाधुंध गोलिया दागीं। दो से तीन सेकेंड तक उसने फायरिंग की और मोटरसाइकिल पर सवार अपने साथी की तरफ भागा। यह पूरी घटना वहा बाजार में लगे एक सीसीटीवी में कैद हो गई। उसका चेहरा सभी ने देखा और पहचान लिया है। बीते साल पाच अगस्त को अपने घर से लापता होने वाले साकिब मजूर का घर हमला स्थल से चद मीटर की दूरी पर है। बेमिना स्थित डिग्री कालेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई बीच में ही छोड़ आतकी बनने वाले साकिब ने अपने परिजनों और दोस्तों को सदेश भेजा था कि अब उसे तलाश न करें। पीडीपी नेता और सुरक्षाबलों पर तीन हमले किए साकिब ने

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आतकी बनने के बाद साकिब ने छन्नपोरा में एक पीडीपी नेता पर हमले की वारदात को अंजाम देने के अलावा वह सुरक्षाबलों पर तीन हमलों में भी शामिल था। उसका नाम कथित तौर पर एडवोकेट बाबर कादरी की हत्या में भी आया था। उसके करीबी कहते हैं कि वह 20 मई को श्रीनगर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हिजबुल कमांडर जुनैद सहराई का करीबी था। जुनैद का घर भी बागात बरजुला में ही है। यह घिनौना और कायरतापूर्ण कृत्य : उमर

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस आतकी वारदात की मैं कड़े शब्दों में निदा करता हूं। मेरी इन बहादुर जवानों के परिजनों के साथ पूरी संवेदना है। यह हमला अत्यंत निदाजनक और कायरतापूर्ण है, क्योंकि दोनों पुलिसकर्मी निहत्थे थे। यह घिनौना और कायरतापूर्ण कृत्य है। कत्ल करने वाले मुस्लिम नहीं हो सकते: महबूबा

अक्सर सुरक्षाबलों पर ज्यादतियों का आरोप लगाने वाली पूर्व मुख्यमत्री महबूबा मुफ्ती ने भी बागात बरजुला घटना पर कहा कि दो पुलिसकर्मियों पर हमले की मैं कड़ी निदा करती हूं। दोनों को जिन्होंने कत्ल किया है, वह मुस्लिम नहीं हो सकते, वह कश्मीर और इस्लाम के दुश्मन ही होंगे। मैं शहीदों के परिजनों के दुख में शरीक हूं। हमला करने वाले कश्मीर के दुश्मन : सज्जाद

पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने कहा कि पुलिसकर्मियों पर कायरतापूर्ण हमला हुआ है। हम शहीदों के परिजनों के साथ अपनी सवेदना जताते हैं। हिंसा का यह दुष्चक्र समाप्त होना चाहिए। जिन्होंने भी निहत्थे पुलिसकर्मियों पर हमला किया है, वह कायर हैं, वह इस्लाम और कश्मीर के दुश्मन हैं।


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