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गुलाम कश्मीर के मेडिकल कालेजों की डिग्री को देश में मान्यता नहीं

गुलाम कश्मीर के कालेजों में पढ़े छात्रों को देश में नौकरी या प्रैक्टिस की अनुमति नहीं दी जा सकती। इससे पूर्व 3 जून को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) भी गुलाम कश्मीर के तकनीकी संस्थानों में दाखिले लेने वालों को चेता चुका है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 08:26 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 08:26 AM (IST)
गुलाम कश्मीर के मेडिकल कालेजों की डिग्री को देश में मान्यता नहीं
गुलाम कश्मीर के मेडिकल कालेजों की डिग्री को देश में मान्यता नहीं

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (एमसीआइ) ने चेताया है कि गुलाम कश्मीर के मेडिकल कालेजों से की गई एमबीबीएस, बीडीएस या एमडी की डिग्री देश में मान्य नहीं है। इसलिए गुलाम कश्मीर के कालेजों में पढ़े छात्रों को देश में नौकरी या प्रैक्टिस की अनुमति नहीं दी जा सकती। इससे पूर्व 3 जून को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) भी गुलाम कश्मीर के तकनीकी संस्थानों में दाखिले लेने वालों को चेता चुका है।

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एमसीआइ के महासचिव आरके वत्स द्वारा जारी नोटिस के अनुसार पूरा जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अविभाज्य और अटूट अंग हैं। पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर अवैध तौर पर कब्जा कर रखा है। इसलिए गुलाम कश्मीर के मेडिकल कालेजों को एमसीआइ से मान्यता प्राप्त करनी आवश्यक है। गुलाम कश्मीर में किसी भी मेडिकल कालेज को मान्यता नहीं दी गई है। इसलिए इन कालेजों से डिग्री लेने वालों को भारत में प्रैक्टिस की मान्यता नहीं दी जा सकती। पिछले साल जून माह में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भी इसी तरह की चेतावनी दी थी।

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हाई कोर्ट ने डिग्री को सही ठहराया था

यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि दिसंबर 2019 में जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने हादिया चिश्ती नामक छात्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसकी डिग्री को मान्यता देने का निर्देश दिया था। श्रीनगर की रहने वाली हादिया चिश्ती ने गुलाम कश्मीर के मीरपुर के मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की थी। हादिया ने भारत में प्रैक्टिस के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ इग्जामिनेशन की परीक्षा में शामिल होना चाहा था। बोर्ड ने उसकी डिग्री को अमान्य करार दिया था। उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस संजीव कुमार ने कहा था कि उसके आवेदन पर गौर करते हुए देश में प्रैक्टिस करने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता भारतीय नागरिक है और उसने भारत के ही एक क्षेत्र में स्थित मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की है। नि:संदेह गुलाम कश्मीर भारत का अविभाज्य हिस्सा है। गुलाम कश्मीर में स्थित किसी मेडिकल संस्थान द्वारा एमसीआइ से मान्यता प्राप्त किए जाने की उम्मीद नहीं की जा सकती, क्योंकि वह पाकिस्तान के प्रशासकीय नियंत्रण में है।


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