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राजौरी के तीन युवक गायब, शोपियां मुठभेड़ में मार गिराने का आरोप

परिजनों ने 18 जुलाई की शोपियां में हुई मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं और तीनों युवकों की गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया है। मामला बढ़ता देख सेना ने अपने स्तर पर मामले की जांच आरंभ कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 08:54 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 08:54 AM (IST)
राजौरी के तीन युवक गायब, शोपियां मुठभेड़ में मार गिराने का आरोप
राजौरी के तीन युवक गायब, शोपियां मुठभेड़ में मार गिराने का आरोप

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राजौरी से शोपियां मजदूरी करने गए तीन युवकों के लापता होने का मामला तूल पकड़ रहा है। परिजनों ने 18 जुलाई की शोपियां में हुई मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं और तीनों युवकों की गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया है। मामला बढ़ता देख सेना ने अपने स्तर पर मामले की जांच आरंभ कर दी है। परिजनों के अनुसार तीनों युवक मजदूरी करने गए थे। तीनों ने वहां पर किराये पर अपना एक कमरा भी ले लिया था। वहीं, कश्मीरी दलों ने इस मामले को तूल देना आरंभ कर दिया है।

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राजौरी के सहायक पुलिस अधीक्षक लियाकत अली ने कहा कि कंडी थाने की पीढ़ी पुलिस चौकी में तीन युवकों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। हमने कश्मीर पुलिस से संपर्क किया है ताकि लापता युवकों का जल्द सुराग मिल सके। इस संदर्भ में एसएसपी शोपिया अमृतपाल सिंह व एसएसपी राजौरी चंदन कोहली से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों उपलब्ध नहीं हुए।

धारसाकरी गांव के काठूनी मोहल्ला के पंच अरशद अहमद ने कहा कि तीनों के लापता होने की औपचारिक शिकायत पुलिस में दर्ज की गई है। उनके परिजनो ने मुझसे संपर्क किया, जिसके बाद हम चौकी गए।

इस मुठभेड़ पर पहले ही दिन से कई लोग सवाल उठा रहे थे। घाटी के किसी भीतरी इलाके में यह पहली मुठभेड़ थी, जिसकी जानकारी पुलिस को मुठभेड़ शुरू होने के एक घटे बाद मिली। सेना की 62 आरआर के जवानों ने 18 जुलाई को हुई मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराने का दावा किया था। मुठभेड़ एक बाग में हुई थी। मुठभेड़ के बाद जब सैन्य अधिकारियों ने मीडिया को संबोधित किया था, उस समय भी पुलिस ने दूरी बनाए रखी थी। हालांकि पुलिस ने शाम को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि शोपिया में तीन अज्ञात आतंकी मारे गए हैं।

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सोशल मीडिया पर 18 जुलाई 2020 को अमशीपोरा, शोपिया के ऑपरेशन को लेकर बहुत कुछ कहा जा रहा है। हमने इनका संज्ञान लिया और जाच की जा रही है।

- राजेश कालिया, डिफेंस पीआरओ

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पुलिस की तस्वीरों से लगा पता

लापता श्रमिकों के नाम इबरार अहमद, इम्तियाज अहमद और अबरार अहमद हैं। इबरार अहमद के रिश्तेदार सलीम अहमद ने कहा कि अमशीपोरा में मुठभेड़ के बाद पुलिस द्वारा जारी तस्वीरों से हमने पहचान की है। हम दावे के साथ कहते हैं कि मेरे चचेरे भाई और दो अन्य रिश्तेदारों को आतंकी बताकर मार दिया गया। एक अन्य रिश्तेदार नसीब अहमद ने कहा कि 17 जुलाई की शाम तीनों ने परिजनों से बातचीत की। उसके बाद उनके फोन बंद हो गए। हम सोच रहे थे कि उन्हें शायद क्वारंटाइन किया गया है।

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कश्मीरी दलों ने शुरू की सियासत

पीडीपी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की तरफ से उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि तीन श्रमिकों की फर्जी मुठभेड़ से सन्न हूं। माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि पूरे मामले की उच्च न्यायालय के किसी सेवारत जज से जाच कराई जाए। नेशनल काफ्रेंस के प्रवक्ता इनाम नबी डार ने कहा कि तीन लापता श्रमिकों को फर्जी मुठभेड़ में आतंकी बताकर कत्ल करने के मामले की निष्पक्ष जाच हो। दोषी सैन्यकíमयों व अधिकारियों को दंडित किया जाए।

जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन अल्ताफ बुखारी ने कहा कि ऐसी घटनाओं से जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य नहीं होंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को एक समयबद्ध, निष्पक्ष व पारदर्शी जाच का आदेश देना चाहिए।


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