पूजा और विसर्जन के साथ श्री अमरनाथ यात्रा संपन्न
-कोविड-19 के चलते इस बार पवित्र छड़ी के साथ चंद साधु-महंतों को ही जाने की थी अनुमति ---------------------
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : श्री अमरनाथ गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा मंगलवार को पहलगाम में लिद्दर नदी के तट पर पूजन और विसर्जन अनुष्ठान के साथ संपन्न हो गई। पूजा से पूर्व पवित्र छड़ी मुबारक ने लिद्दर में स्नान किया। पवित्र छड़ी मुबारक सोमवार सुबह हेलीकॉप्टर के जरिए महंत दीपेंद्र गिरी के नेतृत्व में पवित्र गुफा पहुंची थी। भगवान अमरेश्वर की पूजा के बाद छड़ी मुबारक दोपहर बाद पहलगाम लौट आई थी।
दशनामी अखाड़ा के महंत और पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मंगलवार को लिद्दर किनारे छड़ी मुबारक का पूजन और विर्सजन का अनुष्ठान संपन्न किया। इस अवसर पर सिर्फ चुनिदा संत महात्मा ही मौजूद रहे, क्योंकि कोविड-19 के तहत जारी निर्देशावाली के अनुपालन के तहत हर किसी को पूजा में शामिल होने की आज्ञा नहीं थी। बता दें कि इस बार श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा में आम श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं थी।
पूजन और विसर्जन का अनुष्ठान संपन्न करने के बाद महंत दीपेंद्र गिरी के नेतृत्व में छड़ी मुबारक वापस अपने विश्राम स्थल दशनामी अखाड़ा में लौट आई। इस मौके पर महंत दीपेंद्र गिरी ने कहा कि मैं उपराज्यपाल जीसी मुर्मू का आभारी हूं कि उन्होंने मौजूदा हालात में पवित्र गुफा की सदियों से चली आ रही छड़ी मुबारक की धार्मिक और पौराणिक तीर्थयात्रा को भंग नहीं होने दिया। हालांकि हमने यात्रा से जुड़े कुछ अनुष्ठानों की महत्ता के मुताबिक, उन्हें पूरा कराने का आग्रह किया था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि यह लगातार दूसरा वर्ष है जब हमें अपनी धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा को संपन्न करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस बार श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने भगवान अमरेश्वर के भक्तजनों के लिए पवित्र गुफा में रोज सुबह शाम होने वाली आरती व पूजा के सीधे प्रसारण की व्यवस्था की थी, वह सराहनीय है। मेरा सुझाव है कि आगे भी तीर्थयात्रा के दौरान भगवान अमरेश्वर की पूजा और आरती के सीधे प्रसारण की व्यवस्था बहाल रखी जाए।
महंत दीपेंद्र गिरी ने बताया कि कोविड-19 के तहत जारी एसओपी के तहत हमने इस बार पवित्र छड़ी मुबारक की तीर्थयात्रा में सिर्फ चंद संत महात्माओं को ही शामिल किया। आज हमने पूजन और विसर्जन के अवसर पर कड़ी पकोड़ी भंडारा भी आयोजित नहीं किया है। सिर्फ हलवा प्रसाद ही वहां मौजूद कुछ श्रद्धालुओं में वितरित किया है।