Jammu And Kashmir: उमर अब्दुल्ला बोले, महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाए
Omar Abdullah. . नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी अध्यक्ष व पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को रिहा करने की मांग की है।
श्रीनगर, प्रेट्र। Omar Abdullah. नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को पीडीपी अध्यक्ष व पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को रिहा करने की मांग की है।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। मंगलवार को महबूबा को उनके घर शिफ्ट किया गया है, लेकिन उन पर पीएसए जारी रहेगा।
उमर ने ट्वीट में लिखा है कि महबूबा मुफ्ती को घर में शिफ्ट करना काफी नहीं है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) के मुख्य प्रवक्ता जुनैद अजीम मट्टू ने कहा कि महबूबा व मुख्यधारा के नेताओं को हिरासत में रखना निरंकुशता है।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने उच्चाधिकार समिति को जेलों में बंद कैदियों की संख्या को घटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था। समिति में राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस राजेश बिंदल, गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा और महानिदेशक कारावास वीके सिंह शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीति से जुड़े छह प्रमुख नेता भी पीएसए के तहत बंद हैं।
पिछले माह जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को साढ़े सात माह बाद 24 मार्च को रिहा किया गया था। उन्हें जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 लागू किए जाने के मद्देनजर एहतियातन हिरासत में लिया गया था। इससे पहले उमर के पिता व पूर्व मुख्यमंत्री डॉॅ. फारूक अब्दुल्ला को 13 मार्च को रिहा किया गया था। पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 लागू किए जाने की घोषणा के मद्देनजर उन्हें एहतियातन हिरासत में लिया गया था।
उमर अब्दुल्ला ने 10 मार्च को कैद में ही अपना 50वां जन्मदिन मनाया। उन्हें उनके घर से करीब दो किलोमीटर दूर हरि निवास में कैद रखा गया था। उनके पिता नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला को भी हिरासत में लिया गया था, जिन पर बाद में पीएसए लगाया गया था। उमर को रिहा किए जाने की जानकारी जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी। प्रदेश प्रशासन ने उमर अब्दुल्ला की रिहाई का फिलहाल कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन स्थानीय हलकों में चर्चा है कि यह कदम कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पैदा हालात व सर्वाेच्च न्यायालय में जारी सुनवाई के मद्देनजर लिया गया है।