सेना ने भूस्खलन से 43 लोगों को बचाया
राज्य ब्यूरो श्रीनगर उत्तरी कश्मीर में बारामुला के ऊपरी इलाके में स्थित लतीफाबाद में भूस्खलन
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उत्तरी कश्मीर में बारामुला के ऊपरी इलाके में स्थित लतीफाबाद में भूस्खलन और बारिश से तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए। सेना के जवानों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पाच परिवारों के 43 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। सेना ने प्रभावितों को राशन, दवाएं और ठंड से बचाव के लिए कंबल भी उपलब्ध कराए हैं।
जानकारी के अनुसार, यह घटना शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे की है। लतीफाबाद जिला बारामुला के दुर्गम इलाकों में बसे गावों में एक है। बारिश थमने के बाद अचानक गाव में भूस्खलन हो गया। एक मकान जहा जमीन में धंसने लगा, वहीं दो अन्य मकान साथ सटी पहाड़ी पर भूस्खलन के दौरान खिसके मलबे से क्षतिग्रस्त हो गए। चार गौऊखाने भी भूस्खलन में तबाह हुए हैं। गाव से कुछ ही दूरी पर सेना की 52 आरआर के जवानों का एक शिविर है। जवानों को जैसे ही भूस्खलन का पता चला तो उन्होंने आलाधिकारियों और पुलिस को सूचित करते हुए राहत कार्य शुरू कर दिया।
जवानों ने क्षतिग्रस्त मकानों में रहने वाले पाच परिवारों के सभी 43 लोगों को सुरक्षित निकाला। इसके बाद जवानों ने इन सभी को गाव में एक ऊंची जगह पर पहुंचाया और वहा एक अस्थायी शेड तैयार करते हुए उन्हें ठहराया। जवानों ने ग्रामीणों को भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने के अलावा राशन, कंबल और बर्तन भी दिए। बंकर बना रहे मजदूर फंसे, सेना ने पहुंचाई मदद
जागरण संवाददाता, राजौरी : सीमावर्ती इलाके राजधानी में कुछ मजदूर फंस गए हैं। यह मजदूर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास बंकर बनाने का काम कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद यह लोग फंस गए हैं। इनमें बिलावर और डोडा के अधिक मजदूर हैं, जिनकी संख्या लगभग दो दर्जन है। सेना के जवानों को जैसे ही इस बारे में सूचना मिली तो वह मजदूरों के पास पहुंचे और उन्हें खाने के सामान के साथ हर प्रकार की सुविधा मुहैया करवाई।
जिला राजौरी प्रशासन ने इस इलाके को रेड जोन घोषित कर दिया है क्योंकि मंजाकोट इलाके में यह गांव आता है। वहां पर कोरोना वायरस के तीन मरीज पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरे इलाके को रेड जोन घोषित कर दिया गया है। इन मजदूरों ने गुहार लगाई है कि उन्हें यहां से बाहर निकाल कर राजौरी में रखा जाए, क्योंकि उनके पास न तो पैसे हैं और न ही खाना और कपड़े हैं।