कश्मीर में 1800 से अधिक स्कूलों में साफ पेयजल नहीं
राज्य ब्यूरो श्रीनगर कश्मीर में 1800 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं है। इन स्कूलों के बच्चे घर से पानी लेकर आते हैं या फिर स्कूल परिसर के आसपास स्थित किसी खुले जलस्त्रोत पर निर्भर रहते हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में 1800 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं है। इन स्कूलों के बच्चे घर से पानी लेकर आते हैं या फिर स्कूल परिसर के आसपास स्थित किसी खुले जलस्त्रोत पर निर्भर रहते हैं। जिला कुपवाड़ा में सर्वाधित 580 स्कूल स्वच्छ पेयजल सुविधा से वंचित हैं। इन स्कूलों में पेयजल सुविधा प्रदान करने के लिए प्रशासन ने 25 मार्च की समय सीमा तय कर दी है।
बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत प्रत्येक स्कूल में स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल की सुविधा अनिवार्य है। स्कूल में स्वच्छ पेयजल न होने के कारण बच्चों को असुरक्षित जलस्त्रोतों का पानी पीना पड़ता है। इससे इन छात्रों के कई बार गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने की आशंका रहती है। काजीपोरा बांडीपोर स्थित मिडिल स्कूल के छात्र एयमन ने कहा हमारे स्कूल में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। बहुत से छात्र दरिया और एक टंकी का पानी पीते हैं। एक बार तो यहां बहुत से बच्चों में डायरिया हो गया था। उसके बाद से मैं घर से ही पानी लेकर आता हूं। देखा-देखी अन्य छात्र भी ऐसा ही करते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्वच्छ पेयजल की सुविधा से वंचित स्कूलों को लंबित पड़ी परियोजनाओं के वर्ग में सूचीबद्ध कर रखा है। इनमें 23 परियोजनाएं पांच साल से भी ज्यादा समय से लटकी हुई हैं।
स्कूल शिक्षा निदेशालय के दस्तावेजों के मुताबिक, इन सभी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 1359 लाख दरकार हैं। सभी को 25 मार्च 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन एजेंसी (पीआइए) का गठन किया है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को मंजूरी दे दी :उपनिदेशक
उपनिदेशक योजना स्कूल शिक्षा विभाग मदन गोपाल शर्मा के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में 116 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। 16 को पूरा किया जा चुका है। शेष पर काम जारी है। हमने वादी के सभी सरकारी स्कूलों में स्वच्छ पेयजल सुविधा बहाल करने की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) का मंजूरी दे दी है। हमने जलशक्ति विभाग जिसे पीएचई भी कहते हैं, को यह जिम्मा सौंपा है। विभाग से कहा गया है कि वह लंबित परियोजनाओं को 25 मार्च तक पूरा करे। इन जगहों में पेयजल नहीं
बड़गाम 150 सरकारी स्कूल अनंतनाग 200
पुलवामा 120
कुलगाम 70
जिला शोपियां 80
बारामुला 270
बांडीपोर 540
कुपवाड़ा 580
(स्कूल शिक्षा निदेशालय कश्मीर के मुताबिक)