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पीएसए लगने के बाद नईम अख्तर वक्त को कोस अब कर रहे होंगे अफसोस

डोजियर में कहा है उन्होंने लोगों को कश्मीर बनेगा पाकिस्तान का नारा देने वाले कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी की आत्मकथा पढ़ने को कहा था। नईम का धर्माध जिहादी और अलगाववादी तत्वों के प्रति झुकाव का अंदाजा 27 सितंबर 2016 को बतौर शिक्षामंत्री गिलानी की किताब वुल्लर किनारे को पढ़ने की दी गई सलाह से भी लगाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 10:28 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 10:28 AM (IST)
पीएसए लगने के बाद नईम अख्तर वक्त को कोस अब कर रहे होंगे अफसोस
पीएसए लगने के बाद नईम अख्तर वक्त को कोस अब कर रहे होंगे अफसोस

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर के पूर्व शिक्षामंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर को वर्ग विशेष की भावनाओं के तुष्टिकरण के लिए भड़काऊ बयानबाजी करने पर जहां अफसोस हो रहा होगा और वहीं उस वक्त को कोस रहे होंगे। क्योंकि तुष्टिकरण वाली भड़काऊ बयानबाजी ही उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम यानी पीएसए के तहत बंदी बनाने का आधार बनी है। पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने के मद्देनजर एहतियातन हिरासत में लिए गए नईम अख्तर को भी प्रशासन ने गत सप्ताह पीएसए के तहत बंदी बनाया है।

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नईम अख्तर को पीएसए के तहत बंदी बनाए जाने के डोजियर में उल्लेख है कि नौ जनवरी 2019 को बंगाल में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषण को उन्होंने हिदू राष्ट्र की स्थापना का खुला आह्वान करार दिया था। उन्होंने कहा था कि 'भगवा पार्टी' के प्रमुख ने भारत के विचार और परिकल्पना को चुनौती दी है। भाजपा देश में चुनावी लाभ के लिए एक खतरनाक खेल खेल रही है और सांप्रदायिक उन्माद व नफरत पैदा कर रही है।

डोजियर में कहा है कि नईम अख्तर रैडिकल यानी कट्टरपंथी तत्वों के प्रति झुकाव रखते हैं। उनपर लोगों को देश के खिलाफ भड़काने का भी आरोप है। वर्ष 2010 में कश्मीर में हुए हिसक प्रदर्शनों के दौरान स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद नईम ने पीडीपी का दामन थामा था। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर रैटली हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में पांच हजार करोड़ रुपये कमीशन लेने का आरोप लगाया था। इसको लेकर नेशनल कांफ्रेंस ने उन पर मानहानि का केस भी किया था। डोजियर में कहा है उन्होंने लोगों को 'कश्मीर बनेगा पाकिस्तान' का नारा देने वाले कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी की आत्मकथा पढ़ने को कहा था। नईम का धर्माध, जिहादी और अलगाववादी तत्वों के प्रति झुकाव का अंदाजा 27 सितंबर 2016 को बतौर शिक्षामंत्री गिलानी की किताब 'वुल्लर किनारे' को पढ़ने की दी गई सलाह से भी लगाया जा सकता है।


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