Article 370: भारतीय सेना ने कश्मीर की इस बास्केटबॉल खिलाड़ी को ढूंढ निकाला, दिलचस्प है दास्तान
जम्मू कश्मीर के बारामुला निवासी इशरत अख्तर ने थाइलैंड में इस साल होने वाली एशिया ओसनिया व्हीलचेयर चैंपियनशिप के लिए चयनित हुई थी।
श्रीनगर, जेएनएन। भारतीय सेना कश्मीर में लोगों की सुरक्षा के साथ किस प्रकार मानवीय भूमिका निभा रही है, उसके लिए यह कहानी जाननी जरूरी है। जम्मू कश्मीर के बारामुला निवासी इशरत अख्तर ने थाइलैंड में इस साल होने वाली एशिया ओसनिया व्हीलचेयर चैंपियनशिप के लिए चयनित हुई थी। उन्हें पिछले महीने 27 अगस्त को चेन्नई में राष्ट्रीय कैंप में पहुंचना था, लेकिन उनकी वहां तक पहुंचने की कहानी दिलचस्प है। उसमें भारतीय सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बास्केटबॉल खिलाड़ी से नहीं हो पा रहा था संपर्क
पिछले महीने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद फोन और इंटरनेट कनेक्शन को बंद कर दिया गया था। उस समय व्हीलचेयर बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया इशरत अख्तर से संपर्क करने की कोशिश में जुटा था जिसे दो दोस्तों की मदद से ढूंढा गया। दो दोस्तों में से एक इशरत के कोच नेवी के पूर्व अधिकारी लुइस जॉर्ज थे और दूसरे रिटायर्ड कर्नल आइसन होवर थे जो खुफिया एजेंसी में भी सेवा दे चुके हैं। इस बारे में लुइस ने बताया कि आइसनहोवर और वह एक ही कक्षा में पढ़ते थे। गत 25 अगस्त को (अनुच्छेद 370 हटने के 20 दिन बाद) उन्होंने आइसन होवर को फोन किया और कश्मीर के हालात पर चर्चा करने लगे।
रिटायर्ड कर्नल को दी गई पूरी जानकारी
कोच लुइस ने बताया कि मैंने आइसनहोवर से कहा कि मेरी भी एक खिलाड़ी कश्मीर में है और उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है। तब उन्होंने कुछ जानकारी मांगी और उसका फोटो तथा कुछ जानकारी देने के लिए कहा। उन्होंने कश्मीर में अपने सूत्रों की मदद से उन्होंने जम्मू कश्मीर पुलिस को श्रीनगर में यह जानकारी दी, जिसके बाद भारतीय सेना के पास यह जानकारी पहुंची।
एक दिन में सेना ने खिलाड़ी को ढूंढ निकाला
इशरत के कोच लुइस को बारामुला में उनके पूरे पते के बारे में जानकारी नहीं थी लेकिन आइसनहोवर की कोशिशों की मदद से पता चला कि वह बारामुला के बांगडारा गांव की रहने वाली है। तब कुछ जवान काफी मशक्कत के बाद उसके घर पहुंचे और यह पूरा मिशन एक ही दिन में पूरा किया गया।
जवानों के घर पहुंचने पर डर गए परिवार के लोग
जब जवानों ने घर का दरवाजा खटखटाया, तब इशरत पिता अब्दुल राशिद मीर के साथ घर पर थी। हालांकि राशिद के पिता थोड़ा डर गए कि उनकी बेटी की तस्वीर लेकर छानबीन हो रही है लेकिन पूरा मामला समझने के बाद उन्हें खुशी हुई। इस बारे में सेना के जवान ने बताया कि उनकी बेटी व्हीलचेयर बास्केटबॉल टीम में चयनित हुई है और उसे चेन्नई जाना है। इशरत अब एशिया-ओसनिया व्हीलचेयर बास्केटबॉल चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी जो 27 नवंबर से 8 दिसंबर तक थाइलैंड में खेली जाएगी।
खेल मंत्री ने कहा, पूरा करेंगे सपोर्ट
खेल मंत्री किरन रिजिजू ने ट्वीट कर लिखा कि बारामुला की होनहार खिलाड़ी इशरत अख्तर का चयन एशिया ओसनिया व्हीलचेयर चैंपियनशिप हुआ है। वह टोक्यो पैरा ओलंपिक 2020 में भाग लेंगी। मंत्रालय उन्हें और उनकी टीम को पूरा सपोर्ट करेगी।