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अलगाववादियों की धमकियों के कारण बाजार अभी भी बंद

कश्मीर घाटी में शनिवार को माहौल शात रहा लेकिन बाजार अभी भी नहीं खुल पा रहे हैं। हालांकि वादी में कहीं भी प्रशासनिक पाबंदियां नहीं हैं लेकिन अलगाववादियों और आतंकियों की धमकियों के कारण सभी प्रमुख बाजार और निजी प्रतिष्ठान बंद रहे। अलबत्ता सभी सरकारी कार्यालय सामान्य दिनों की तरह ही खुले रहे लेकिन उपस्थिति में कमी देखने को मिली।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 01:56 AM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 06:45 AM (IST)
अलगाववादियों की धमकियों के कारण बाजार अभी भी बंद
अलगाववादियों की धमकियों के कारण बाजार अभी भी बंद

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में शनिवार को माहौल शात रहा लेकिन बाजार अभी भी नहीं खुल पा रहे हैं। हालाकि वादी में कहीं भी प्रशासनिक पाबंदिया नहीं थी, लेकिन अलगाववादियों और आतंकियों की धमकियों के कारण सभी प्रमुख बाजार और निजी प्रतिष्ठान बंद रहे। अलबत्ता, सभी सरकारी कार्यालय सामान्य दिनों की तरह ही खुले रहे।

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गौरतलब है कि पाच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पूरी वादी में प्रशासनिक पाबंदिया लागू कर दी थीं। हालात में सुधार देखते हुए प्रशासनिक पाबंदिया हटा ली हैं। हाई स्कूल तक के स्तर के शिक्षण संस्थान खोल दिए गए हैं। अलबत्ता, अपने मंसूबों को नाकाम होते देख आतंकी और अलगाववादियों ने आम लोगों को डराना शुरू कर दिया है। आतंकियों ने कई जगह बंद का फरमान न मानने वाले लोगों को भी निशाना बनाया है। पुलिस नियंत्रण कक्ष श्रीनगर में मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वादी में आज कई जगह दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहे। स्थिति तनाव के बावजूद शात और नियंत्रित है।

लैंडलाइन सेवाओं को सरकार ने हालाकि पूरी तरह बहाल करने का दावा किया है, लेकिन कई इलाकों में फोन सेवाएं अभी तक ठप हैं। संबंधित अधिकारियों के मुताबिक, यह तकनीकी कारणों से है, जिन्हें दूर किया जा रहा है। बीएसएनएल की पोस्टपेड मोबाइल सेवा उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में बहाल है। सुबह-शाम खुली दुकानें, दिनभर रही बंद

शनिवार को वादी में कहीं भी दिन की प्रशासनिक पाबंदिया नहीं थी। सभी प्रमुख शहरों में सुबह-शाम को ही रोजमर्रा के सामान की दुकानें खुली। दिनभर सभी प्रमुख बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों पर सार्वजनिक वाहन भी नजर नहीं आए। अलबत्ता, निजी और तिपहिया वाहन ही दिखे। सरकारी कार्यालय और सरकारी स्कूल खुले रहे। हालाकि छात्रों की संख्या कम थी। वहीं, शिक्षकों की उपस्थिति 70 फीसद के करीब रही। अफवाह फैलाने वालों पर की जाए कड़ी कार्रवाई

मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान ने कहा कि कश्मीर में स्थिति पूरी तरह शात है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने को विभिन्न इलाकों में सुरक्षाबलों को एहतियात तैनात रखा है। लोग कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग कर रहे हैं। शरारती तत्वों द्वारा माहौल बिगाडऩे के लिए कई जगह लोगों को धमकाया जा रहा है। तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।


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